यह स्पष्ट है कि यह वह बजट नहीं है, जिसकी उम्मीद स्टॉक मार्केट ने लगाई थी। हालांकि, 23 जुलाई को जिस तरह से मार्केट की क्लोजिंग हुई, उससे ऐसा लगता है कि मार्केट ज्यादा कैपिटल गेंस के साथ चलने के लिए तैयार है। डोमेस्टिक और फॉरेन इनवेस्टर्स की तरफ से हो रहे निवेश की वजह से सिस्टम में लिक्विडिटी काफी ज्यादा है। इससे ऐसा लगता है कि चाहे जितनी भी खराब खबर आए मार्केट गिरने वाला नहीं है। एक म्यूचुअल फंड हाउस के फंड मैनेजर ने शॉर्ट कॉल को बताया कि इनवेस्टर्स इसलिए नहीं निवेश कर रहे हैं कि फंडामेंटल्स मजबूत हैं बल्कि वे इसलिए पैसे लगा रहे हैं कि उन्हें लगता है कि एसआईपी के जरिए होने वाले निवेश से मार्केट को सपोर्ट मिलता रहेगा। ऐसी सोच खतरनाक लगती है।