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Tata Group: Tata Trusts के ट्रस्टीज के बीच बढ़ते मतभेद की असल वजह टाटा इंटरनेशनल की फंडिंग है, जानिए क्या है यह पूरा मामला

Tata Trusts disputes: टाटा ट्रस्ट्स के कई ट्रस्टीज ने टाटा इंटरनेशनल के 1,000 करोड़ रुपये के फंडिंग प्लान के एप्रूवल के तरीके पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि इस फंडिंग के प्रस्ताव पर पूरी तरह से विचार नहीं हुआ। उन्हें इस प्लान के बारे में पहले से जानकारी नहीं दी गई

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 09, 2025 पर 2:37 PM
Tata Group: Tata Trusts के ट्रस्टीज के बीच बढ़ते मतभेद की असल वजह टाटा इंटरनेशनल की फंडिंग है, जानिए क्या है यह पूरा मामला
नोएल टाटा 2010 से Tata International के चेयरमैन हैं।

टाटा ट्रस्ट्स के ट्रस्टीज में मतभेद बढ़ने की बड़ी वजह टाटा इंटरनेशनल (टीआईएल) का फंडिंग प्लान है। टाटा समूह की यह कंपनी लॉस में है। नोएल टाटा इसके चेयरमैन हैं। आरोप है कि इस कंपनी के लिए 1,000 करोड़ रुपये के फंडिंग प्लान पर व्यापक विचार नहीं हुआ। इसमें टाटा संस के आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन के आर्टिकल 121ए का भी उल्लंघन हुआ। इस आर्टिकल के मुताबिक, बड़े फाइनेंशियल फैसलों पर ट्रस्ट्स का एप्रूवल जरूरी है।

टाटा इंटरनेशनल की मौजूदगी 27 देशों में

Noel Tata 2010 से ही Tata International के चेयरमैन हैं। वह इसे टाटा समूह के घरेलू और विदेशी कारोबार के बीच जरूरी पुल (Bridge) मानते रहे हैं। टीआईएल की मौजूदगी 27 देशों में है। ऑटो डिस्ट्रिब्यूशन, लेदर एक्सपोर्ट्स, एग्री ट्रेडिंग और इंडस्ट्रियल सप्लाई चेन में इसकी दिलचस्पी है। इस कंपनी पर काफी कर्ज है। इसे काफी फॉरेक्स लॉस उठाना पड़ा है। इसका ग्रोथ मॉडल भी कमजोर है। इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि टाटा इंटरनेशनल के फंडिंग प्लान को जिस तरह एप्रूवल मिला, उस पर कई ट्रस्टीज ने सवाल उठाए हैं।

कई ट्रस्टीज ने फंडिंग के प्लान पर उठाए सवाल

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