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Trump Tariffs: ट्रंप के 100% टैरिफ से जेनेरिक दवाइयों को मिली छूट, फिर भी बना हुआ है यह डर

Trump Pharma Tariffs: दवा कंपनियों के लिए टैरिफ का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है। ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी कॉमर्स डिपार्टमेंट को ट्रेड एक्सपैंशन एक्ट 1962 की धारा 232 के तहत जांच शुरू करने का आदेश दिया है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या फार्मा इंपोर्ट उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं या नहीं

Edited By: Vikrant singhअपडेटेड Sep 26, 2025 पर 2:17 PM
Trump Tariffs: ट्रंप के 100% टैरिफ से जेनेरिक दवाइयों को मिली छूट, फिर भी बना हुआ है यह डर
Trump Pharma Tariffs: भारत ने साल 2024 में अमेरिका को 8.73 अरब डॉलर की दवाइयां एक्सपोर्ट की थीं

Trump Pharma Tariffs: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रांडेड और पेटेंट वाली दवाओं पर 1 अक्टूबर से 100% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। हालांकि जेनेरिक दवाइयों (Generic Drugs) को इस टैरिफ से छूट दी गई है। भारत की फार्मा कंपनियों को इस छूट से बड़ी राहत मिली है और क्योंकि उनके एक्सपोर्ट का एक बड़ा हिस्सा जेनेरिक दवाओं का होता है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा जेनेरिक दवाओं का एक्सपोर्टर है। हमारी फार्मा इंडस्ट्री की एक्सपोर्ट का करीब एक तिहाई हिस्सा अमेरिका जाता है। ऐसे में जेनेरिक दवाओं को टैरिफ से यह छूट राहत की खबर है।

ट्रंप ने हालांकि कहा है कि यह नया टैरिफ सिर्फ उन्हीं कंपनियों पर लागू होगा, जिनकी अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट नहीं है। जो कंपनियां अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगा रही हैं या उसके लिए जमीन तैयार कर चुकी हैं, उन्हें इस टैरिफ से छूट दी जाएगी।

इंडियन फार्मास्युटिकल एलायंस (IPA) के सेक्रेटरी जनरल सुदर्शन जैन ने कहा, "ट्रंप का नया टैरिफ ऐलान केवल ब्रांडेड या पेटेंटेड दवाओं के लिए है, जेनेरिक पर इसका असर नहीं होगा।" IPA उन बड़ी भारतीय दवा कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है जिनकी अमेरिकी बाजार में महत्वपूर्ण उपस्थिति है।

हालांकि, दवा कंपनियों के लिए टैरिफ का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है। ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी कॉमर्स डिपार्टमेंट को ट्रेड एक्सपैंशन एक्ट 1962 की धारा 232 के तहत जांच शुरू करने का आदेश दिया है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या फार्मा इंपोर्ट उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं या नहीं। इस जांच का दायरा तैयार दवाओं से API, शुरुआती केमिकल्स और मेडिकल काउंटरमेजर्स तक फैला हुआ है। इस जांच की फाइनलल रिपोर्ट 27 दिसंबर 2025 तक आएगी और मार्च 2026 तक राष्ट्रपति ट्रंप इस पर फैसला ले सकते हैं।

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