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PM Modi Podcast: पीएम मोदी के बयान से चीन गदगद, पॉडकास्ट पर कहा- 'ड्रैगन और हाथी ही एकमात्र सही विकल्प'

PM Modi Podcast with Lex Fridman: चीन के साथ पूर्व में तनाव के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विवाद के बजाय बातचीत का समर्थन किया था। AI रिसर्चर और प्रसिद्ध अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ एक इंटरव्यू में यही भी कहा था कि भारत और चीन के बीच मतभेद स्वभाविक हैं लेकिन मजबूत सहयोग दोनों पड़ोसियों के हित में है। यह वैश्विक स्थिरता के लिए भी आवश्यक है। इस बयान पर अब चीन की प्रतिक्रिया सामने आई है

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Mar 17, 2025 पर 4:50 PM
PM Modi Podcast: पीएम मोदी के बयान से चीन गदगद, पॉडकास्ट पर कहा- 'ड्रैगन और हाथी ही एकमात्र सही विकल्प'
PM Modi Podcast with Lex Fridman: पीएम मोदी ने कहा कि भारत और चीन के बीच संघर्ष का कोई वास्तविक इतिहास नहीं है (फाइल फोटो- REUTERS)

PM Modi Podcast with Lex Fridman: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बाद अब चीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका के लोकप्रिय पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ बातचीत पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। चीन ने सोमवार (27 मार्च) को AI रिसर्चर के पॉडकास्ट में भारत-चीन संबंधों पर प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणियों की जमकर तारीफ की। साथ ही कहा कि चीन और भारत के बीच सहयोग ही दोनों देशों के लिए एकमात्र विकल्प है। ड्रैगन ने कहा कि चीन-भारत संबंधों पर प्रधानमंत्री मोदी की हालिया टिप्पणी सराहनीय है। पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने मतभेदों के बजाय संवाद पर जोर दिया था।

चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि चीन ने चीन-भारत संबंधों पर प्रधानमंत्री मोदी के हालिया सकारात्मक टिप्पणी पर ध्यान दिया है और इसकी सराहना करता है। माओ ने कहा कि अक्टूबर में रूस के कजान में प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनपिंग के बीच सफल बैठक ने द्विपक्षीय संबंधों के सुधार और विकास के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन प्रदान किया।

माओ ने कहा कि दोनों पक्षों ने महत्वपूर्ण आम सहमतियों पर गंभीरतापूर्वक अमल किया है, आदान-प्रदान को मजबूत किया है और सकारात्मक परिणाम प्राप्त किए हैं। उन्होंने कहा, "मैं इस बात पर जोर देना चाहती हूं कि 2000 से अधिक वर्षों के आपसी संबंधों के इतिहास में दोनों देशों ने मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान बनाए रखा है। और दोनों देशों ने सभ्यतागत उपलब्धियों और मानव प्रगति में योगदान देते हुए एक-दूसरे से सीखा है।"

उन्होंने कहा कि दो सबसे बड़े विकासशील देशों के रूप में, चीन और भारत ने अपने विकास और पुनरोद्धार में तेजी लाने के कार्य को साझा किया है। हम एक-दूसरे की सफलताओं को समझते हैं और उनका समर्थन करते हैं।

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