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Japan Earthquake Tsunami: जापान में थरथराई धरती, 34 हजार घरों में छाया अंधेरा, सुनामी का नया अपडेट आया सामने

जापान में नई साल पर भयानक भूकंप ने दस्तक दी। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक करीब 1.2 मीटर यानी चार फीट तक ऊंची लहरें वाजिमा पोर्ट से टकराई थीं। इशिकावा प्रांत में 32 हजार 500 घरों की बिजली चली गई। हालांकि सुनामी अलर्ट और एडवाइजरी को अब हटा दिया गया है।

MoneyControl Newsअपडेटेड Jan 02, 2024 पर 10:28 AM
Japan Earthquake Tsunami: जापान में थरथराई धरती, 34 हजार घरों में छाया अंधेरा, सुनामी का नया अपडेट आया सामने
जापान में भूकंप ने मचाई तबाही सुनामी का अलर्ट अब हटाया गया

Japan Earthquake Tsunami: जापान की नई साल की शुरुआत काफी भयानक भूकंप के साथ हुई। 7.6 रिक्टर के इस भूकंप के आने के बाद से देश में सुनामी का अलर्ट जारी किया गया था। सेंट्रल जापान में भूकंप आने के बाद पानी लहरों में एक मीटर ऊंचा उछाल देखने को मिल रहा था। हालांकि अब सुनामी के अलर्ट को लिफ्ट कर दिया गया है। जापान की न्यूज एजेंसी Kyodo के मुताबिक देश में भयानक भूकंप से मरने वालों की संख्या 13 हो गई है।

ऊंची पानी की लहरे की गईं नोटिस

जापान के प्रधानमंत्री Fumio Kishida ने बताया कि भारी तबाही की वजह से कई लोग मारे गए हैं। बिल्डिंग्स तहस नहस हो गई हैं और कई जगह भयानक आग भी देखने को मिली है। प्रधानमंत्री ने इसे टाइम के अगेंस्ट एक रेस से कंपेयर किया है। इशिकावा के नोतो में 1 जनवरी को सुनामी का अलर्ट जारी किया गया था। 5 मीटर ऊंची लहरें उठने की नोतो में आशंका जताई गई जिसके बाद सुनामी की एडवाइजरी भी जारी की गई। लोगों को जल्द से जल्द ऊंची जगहों पर जाने की हिदायत दी गई थी, हालांकि अब अलर्ट को हटा दिया गया है। स्थानीय मीडिया के मुताबिक इशाकावा प्रांत के सुजू शहर में भूकंप से कई मकान और बिजली के खंभे गिर गए हैं।

2011 में आया था जापान में भयानक भूकंप

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक करीब 1.2 मीटर यानी चार फीट तक ऊंची लहरें वाजिमा पोर्ट से टकराई थीं। इशिकावा प्रांत में 32 हजार 500 घरों की बिजली जाने से अंधेरा छा गया। सबसे बड़ी न्यूक्लियर पावर ऑपरेटर कनसाई इलेक्ट्रिक ने कहा है कि भूकंप प्रभावित इलाकों के न्यूक्लियर प्लांट्स में चीजें नॉर्मल हैं। भूकंप के तुरंत बाद टोक्यो से इशाकावा प्रांत के बीच बुलेट ट्रेन को रोक दिया गया। जापान में 2011 में अब तक का सबसे भयानक भूकंप रिकॉर्ड किया गया था। भूकंप की तीव्रता नौ रिक्टर मापी गई थी। इसमें 18 हजार लोगों की जान गई और कई शहर तो नक्शे से गायब हो गए थे। इस भूकंप की वजह से फुकुशिमा न्यूक्लियर पावर प्लांट में रिसाव शुरू हो गया था जिसका असर आज भी महसूस किया जाता है।

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