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India-US: जयशंकर और ब्लिंकन ने भारत-अमेरिका सहयोग पर की चर्चा, कनाडा विवाद का जिक्र नहीं

India-US Relations: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खालिस्तान आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा में जारी कूटनीतिक तनातनी के बीच अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से वाशिंगटन में मुलाकात की। इस दौरान, दोनों नेता भारत और अमेरिका के बीच रक्षा, अंतरिक्ष और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग जारी रखने पर सहमत हुए

Akhileshअपडेटेड Sep 29, 2023 पर 10:32 AM
India-US: जयशंकर और ब्लिंकन ने भारत-अमेरिका सहयोग पर की चर्चा, कनाडा विवाद का जिक्र नहीं
India-US: मुलाकात के दौरान भारत और कनाडा के बीच जारी राजनयिक विवाद का कोई जिक्र नहीं किया गया

India-US Relations: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खालिस्तान आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा में जारी कूटनीतिक तनातनी के बीच अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से वाशिंगटन में मुलाकात की। इस दौरान, दोनों नेता भारत और अमेरिका के बीच रक्षा, अंतरिक्ष और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग जारी रखने पर सहमत हुए। हालांकि, इस दौरान खालिस्तानी अलगाववादी-आतंकवादी की हत्या पर भारत और कनाडा के बीच जारी राजनयिक विवाद का कोई जिक्र नहीं किया गया। जयशंकर पांच दिन की वाशिंगटन यात्रा पर हैं। हाल में भारत में हुए G-20 शिखर सम्मेलन के बाद दोनों देशों के बीच यह पहली उच्च स्तरीय बातचीत है।

विदेश मंत्री जयशंकर ने शुक्रवार को X पर एक पोस्ट में कहा, "अमेरिका के विदेश मंत्री ब्लिंकन से विदेश मंत्रालय में मुलाकात करके अच्छा लगा। कई मुद्दों पर चर्चा हुई, प्रधानमंत्री की जून में हुई यात्रा पर बनी सहमतियों पर चर्चा की, वैश्विक विकास पर भी विचार-विमर्श हुआ। जल्द ही होने वाली 'टू प्लस टू' बैठक के संबंध में रूपरेखा तैयार की।"

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि दोनों शीर्ष राजनयिकों ने कई मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें भारत की G20 की अध्यक्षता के दौरान सामने आए मुख्य नतीजे, भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे का निर्माण और इसकी पारदर्शी, टिकाऊ एवं उच्च-मानक बुनियादी ढांचा निवेश उत्पन्न करने की क्षमता से जुड़ी बातचीत शामिल है।

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बैठक के बाद मिलर ने एक बयान में कहा, "दोनों नेताओं ने आगामी 'टू प्लस टू' वार्ता से पहले विशेष रूप से रक्षा, अंतरिक्ष और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्रों में सतत सहयोग के महत्व पर जोर दिया।"

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