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कभी Wall Street की ‘आंखों का तारा’ थी Solana, आज सामने है मुश्किलों का पहाड़, जानिए कैसे बदली कहानी

एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर Anatoly Yakovenko ने वर्ष 2017 में Solana की स्थापना की थी और अमेरिका में सोलाना लैब्स में इसे बनाया गया था। वर्तमान में स्विट्जरलैंड में एक गैर लाभकारी Solana foundation में इसका विकास हो रहा है

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 24, 2022 पर 12:30 PM
कभी Wall Street की ‘आंखों का तारा’ थी Solana, आज सामने है मुश्किलों का पहाड़, जानिए कैसे बदली कहानी
Solana के 1900 से ज्यादा वैलिडेटर्स हैं, लेकिन 150 वैलिडेटर्स का एक छोटा समूह इसके ट्रांजेक्शन प्रोसेस करता है

Solana एक ऐसी ब्लॉकचेन है, जिसको लेकर विरोधाभासी बातें होती रही हैं। ट्रांजेक्शन की कम लागत को देखते हुए कई को लगता है कि यह इथेरियम (Ethereum) को टक्कर देने में सक्षम है। हालांकि, हैकिंग और टेक्नोलॉजिकल नाकामियों की वजह से आलोचकों को इसके खिलाफ बोलने का मौका मिल गया है। इस लेख में हम सोलाना और उससे जुड़ी टेक्नोलॉजी, इसमें उछाल और मौजूदा दौर में इसे क्यों मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, इस पर बात करेंगे। हम इस बात का भी जायजा लेंगे कि क्यों इथेरियम की किलर मानी जानी सोलाना का संभावित भविष्य क्या है....

कब हुई इसकी शुरुआत

एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर Anatoly Yakovenko ने वर्ष 2017 में Solana की स्थापना की थी और अमेरिका में सोलाना लैब्स में इसे बनाया गया था। वर्तमान में स्विट्जरलैंड में एक गैर लाभकारी Solana foundation में इसका विकास हो रहा है।

2018 से 2020 तक तीन चरणों में अपने विकास को जारी रखने के लिए प्रोजेक्ट ने 2.5 करोड़ डॉलर जुटाए हैं। बीते साल क्रिप्टो वेंचर कैपिटलिस्ट्स से 30 करोड़ डॉलर जुटाए गए।

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