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Agri commodity : 7 महीनों के नीचे फिसले हल्दी के भाव, क्यों बना हुआ है हल्दी पर दबाव?

Turmeric prices : बाजार जानकारों का कहना है कि बुआई बढ़ने से कीमतों पर दबाव बना है। एक्सपोर्ट मांग घटने से भी दाम गिर रहे हैं। हालांकि बाजार को त्योहारों में मांग बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि बाजार को त्योहारों में मांग बढ़ने की उम्मीद है

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 30, 2024 पर 8:46 PM
Agri commodity : 7 महीनों के नीचे फिसले हल्दी के भाव, क्यों बना हुआ है हल्दी पर दबाव?
देश हल्दी के सामान्य उत्पादन की ओर बढ़ रहा है। उत्पादन बढ़ने से देश में हल्दी का स्टॉक बनेगा

हल्दी के दाम 4 महीने से गिर रहे हैं। हल्दी में कोई रणनीति काम नहीं आ रही है। भारत हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक है। भारत हल्दी का सबसे बड़ा उपभोक्ता भी है। भारत हल्दी का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर भी है। चार महीनों में हल्दी के दाम 34% गिरे हैं। इसकी कीमतों में लगातार चौथे महीने गिरावट जारी है। 1 साल में इसके दाम 11% गिर चुके हैं। ऐसे में सवाल है कि हल्दी में कब लौटेगी तेजी? बाजार जानकारों का कहना है कि बुआई बढ़ने से कीमतों पर दबाव बना है। एक्सपोर्ट मांग घटने से भी दाम गिर रहे हैं। हालांकि बाजार को त्योहारों में मांग बढ़ने की उम्मीद है।

इस मुद्दे पर बात करते हुए भारत सरकार के हॉर्टिकल्चर कमिश्नर प्रभात कुमार ने कहा कि भारत में मसालों का पुराना इतिहास है। हल्दी का इस्तेमाल सेहत के लिए अच्छा है। हल्दी के इस्तेमाल से इम्यूनिटी बढ़ती है। कोरोना काल में हल्दी की मांग काफी बढ़ी। हल्दी के ग्लोबल उत्पादन में भारत की 78% हिस्सेदारी है। हल्दी के वैल्यू एडेड प्रोडक्ट का भी एक्सपोर्ट होता है। भारत में हल्दी का इंपोर्ट भी होता है। इंपोर्ट की हल्दी को प्रोसेस कर एक्सपोर्ट करते हैं। IISR मसालों पर काम करता है। IISR यानी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पाइसेज रिसर्च। दूसरी संस्थाएं भी मसालों के विकास पर काम करती हैं।

प्रभात कुमार ने आगे बताया कि हल्दी की खेती के लिए सरकार सब्सिडी देती है। देश का रिसर्च, डेवलपमेंट इकोसिस्टम काफी अच्छा है। हल्दी की खेती देश के 20 राज्यों में होती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा हल्दी की बुआई होती है। तेलंगाना में हल्दी का उत्पादन ज्यादा होता है। हल्दी की उन्नत किस्मों का विकास हुआ है। सरकार उन्नत किस्मों की खेती को बढ़ावा दे रही है।

उन्होंने आगे कहा कि हॉर्टिकल्चर का देश में काफी अच्छा भविष्य है। देश में 28 मिलियन हेक्टर में हल्दी की बुआई होती है। हल्दी का उत्पादन 352 मिलियन टन हुआ है। रिसर्च संथाओं, किसानों की मेहनत से उत्पादन बढ़ा है। कटाई में होने वाले नुकसान को कम करने की कोशिश जारी है। क्लस्टर आधारित उत्पादन को बढ़ा दिया जा रहा है। क्लस्टर में निजी और सरकारी दोनों निवेश होगा।। क्लस्टर आधारित खेती से किसानों को फायदा होगा। कटाई में 5-25% तक यील्ड को नुकसान होता है।

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