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Bank Locker Rules: बैंक लॉकर में रखा गहना- कैश गायब होने पर कौन होगा जिम्मेदार? RBI के ये नियम जरूर जानें

Bank Locker Rules: लॉकर की सुविधा आमतौर पर सभी बैंक मुहैया कराते हैं। इसमें प्राइवेट और सरकारी बैंक दोनों शामिल हैं। लोग इसमें कैश, ज्वैलेरी जैसी तमाम चीजें रखते हैं। ऐसे में सवाल ये उठता है कि लॉकर में रखा यह सामान अगर चोरी हो जाए या कुछ हो जाए तो आखिर इसका जिम्मेदार कौन होगा? इसके लिए आइये जानते हैं आखिर RBI का नियम क्या कहता है

Jitendra Singhअपडेटेड Jul 31, 2024 पर 4:07 PM
Bank Locker Rules: बैंक लॉकर में रखा गहना- कैश गायब होने पर कौन होगा जिम्मेदार? RBI के ये नियम जरूर जानें
Bank Locker Rules: भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार बैंक लॉकर को सिर्फ वैध कामों के लिए ही इस्तेमाल किया जा सकता है।

भारतीय गहनों के बहुत शौकीन होते है। हर घर में सोने या चांदी के आभूषण (Gold jewellery) जरूर मिल जाएंगे। ज्‍यादातर भारतीय अपना कीमती सामान घर पर ही रखते हैं। लेकिन, अब बैंक लॉकर्स में भी गहने और अन्य कीमती सामान को रखने की सुविधा मुहैया कराते हैं। इन बेशकीमती चीजों को घर पर रखना कभी-कभी खतरा रहता है। लिहाजा लोग बैंक लॉकर में रखना सुरक्षित मानते हैं। लेकिन क्या सही में बैंक लॉकर सुरक्षित है? अगर आप भी बैंक लॉकर में सामान रखते हैं तो पहले नियम जान लें। बैंक लॉकर में रखीं चीजों की क्या बैंक गारंटी लेता है?

बहुत से लोग सोचते हैं कि वह बैंक में कुछ भी रख सकते हैं। लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों के मुताबिक इसमें कुछ चीजों की मनाही होती है। रिजर्व बैंक के अनुसार बैंक लॉकर को सिर्फ वैध कामों के लिए ही इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें ज्वैलरी और डॉक्युमेंट्स जैसी कीमती चीजें रखी जा सकती हैं। लॉकर में आपकी ये चीजें पूरी तरह से सुरक्षित रहती हैं।

बैंक लॉकर के ये हैं नए नियम

नए नियमों के तहत बैंकों को खाली लॉकरों की लिस्ट और वेटिंग लिस्ट दिखाना बेहद जरूरी होता है। इसके अलावा बैंकों के पास लॉकर के लिए कस्टमर्स से एक बार में ज्यादा से ज्यादा तीन साल का किराया लेने का अधिकार है। खास बात ये है कि अब बैंक किसी ग्राहक को नुकसान होने की स्थिति में शर्तों का हवाला देकर मुकर नहीं सकते हैं। बल्कि ग्राहक की पूरी भरपाई करना होता है। बैंकों को यह सुनिश्चित करना है कि उनकी ओर कराए गए लॉकर एग्रीमेंट में कोई अनुचित शर्त शामिल नहीं है। जिससे ग्राहकों के नुकसान होने पर बैंक ग्राहकों से कन्नी काट ले। कई बार देखा गया है कि बैंक अपनी शर्तों का हवाला देकर ग्राहकों से किनारा कर लेते हैं।

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