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लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी पर टैक्स के नियमों पर सीबीडीटी के सर्कुलर का आप पर पड़ेगा क्या असर?

फाइनेंस एक्ट, 2023 में कहा गया है कि लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी से मिले बोनस, मैच्योरिटी अमाउंट या सरेंडर वैल्यू को टैक्स के दायरे में लाया गया है। यह नियम 1 अप्रैल, 2023 को या उसके बाद जारी की गई पॉलिसी पर लागू होगा। टैक्स के दायरे में वही पॉलिसीज आएंगी, जिनका प्रीमियम पॉलिसी की अवधि में सालाना 5 लाख रुपये से ज्यादा होगा

Abhishek Anejaअपडेटेड Aug 24, 2023 पर 10:36 PM
लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी पर टैक्स के नियमों पर सीबीडीटी के सर्कुलर का आप पर पड़ेगा क्या असर?
CBDT ने इस मामले में स्थिति स्पष्ट करने के लिए 16 अगस्त को सर्कुलर जारी किया था। इसमें लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसीज से मिलने वाले अमाउंट पर टैक्स के नियमों के बारे में विस्तार से बताया गया है।

इस साल पेश बजट में लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी  (Life Insurance Policy) से मिलने वाले अमाउंट पर टैक्स के नियमों में बदलाव किया गया था। पहले इस पैसे को टैक्स से छूट हासिल थी। फाइनेंस एक्ट, 2023 में कहा गया है कि लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी से मिले बोनस, मैच्योरिटी अमाउंट या सरेंडर वैल्यू को टैक्स के दायरे में लाया गया है। यह नियम 1 अप्रैल, 2023 को या उसके बाद जारी की गई पॉलिसी पर लागू होगा। टैक्स के दायरे में वही पॉलिसीज आएंगी, जिनका प्रीमियम पॉलिसी की अवधि में सालाना 5 लाख रुपये से ज्यादा होगा। CBDT ने इस मामले में स्थिति स्पष्ट करने के लिए 16 अगस्त को सर्कुलर जारी किया था। इसमें लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसीज से मिलने वाले अमाउंट पर टैक्स के नियमों के बारे में विस्तार से बताया गया है।

16 अगस्त को जारी सर्कुलर के मुताबिक, 1 अप्रैल, 2023 को या इसके बाद जारी पॉलिसीज को एलिजिबल (eligible) पॉलिसीज के रूप में क्लासिफायड किया गया है। एलिजिबल पॉलिसीज के बारे में सर्कुलर में जो स्पष्टीकरण दिए गए हैं, उनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:

1. लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी से मिला अमाउंट टैक्स के दायरे में आएगा अगर पॉलिसी का सालाना प्रीमियम 5 लाख लाख रुपये से ज्यादा है

2. अगर व्यक्ति के पास एक से ज्यादा पॉलिसीज हैं तो सिर्फ उस पॉलिसी से मिला अमाउंट टैक्स के दायरे में नहीं आएगा, जिसका प्रीमियम सालाना 5 लाख रुपये से कम होगा। टैक्स से यह छूट सेक्शन 10(10D) के तहत मिलेगी

3. अगर व्यक्ति के पास एक से ज्यादा पॉलिसीज हैं और व्यक्ति ने मैच्योरिटी पर किसी पार्टिकुलर पॉलिसी पर सेक्शन 10(10डी) के तहत एग्जेम्प्शन क्लेम नहीं किया है तो उस पॉलिसी पर 5 लाख रुपये की लिमिट के कैलकुलेशन के लिए विचार नहीं किया जाएगा

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