दिल्ली की रहने वाली कविता मारवाह (40 साल) अपने बेटे मोहिक को बचपन से ही पैसे की कीमत सिखाने की कोशिश कर रही हैं। 11 साल का मोहिक 6 साल की उम्र से ही सेविंग्स अकाउंट ऑपरेट कर रहा है। मारवाह बताती हैं कि उनका बेटा नियमित रूप से अपनी पॉकेट मनी अलग करने के बाद उसे अपने सेविंग्स अकाउंट में डिपॉजिट कर देता है। वह इंटरेस्ट रेट्स, कंपाउंडिंग जैसे कॉन्सेप्ट समझने लगा है। मारवाह ऐसा करने वाली अकेली मां नहीं हैं। दिल्ली के ही रहने वाले कमल मल्होत्रा अपने 6 साल के बेटे को सेविंग्स के फायदे बताते रहते हैं। वह बताते हैं कि उनका बेटा रिश्तेदार से गिफ्ट के रूप में मिले पैसों को अपने सेविंग्स अकाउंट में डालता है। फाइनेंशियल प्लैनर्स का भी मानना है कि बच्चों को शुरू से ही फाइनेंशियल मामलों के बारे में बताना फायदेमंद है। इससे बड़े होने पर ऐसी कई चीजों समझ चुके होतें हैं जो कई बड़े लोग भी नहीं जानते।