
राजस्थान सरकार ने दुर्लभ और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे बच्चों के लिए एक बड़ी राहत का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा जनवरी 2025 में शुरू की गई 'आयुष्मान बाल संबल योजना' 0-18 साल के बच्चों के स्वास्थ्य और आर्थिक सुरक्षा को नया सहारा देने के लिए आगे आई है। इस योजना से राज्य के हजारों परिवारों को उम्मीद की नई किरण मिली है।
50 लाख रुपये तक मुफ्त इलाज की सुविधा
इस योजना के तहत, राजस्थान में रहने वाले 0 से 18 साल के बच्चों को 56 प्रकार की दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए 50 लाख रुपये तक की मुफ्त चिकित्सा सुविधा दी जाती है। मेडिकल खर्चों की चिंता किए बिना बच्चे बेहतरीन अस्पतालों में इलाज पा सकते हैं। यह सुविधा जरूरतमंद और गरीब परिवारों के लिए राहत की सांस है, जिससे बच्चों का इलाज रुकने की बजाय निरंतर चलता रहता है।
आर्थिक सहायता
योजना में शामिल बच्चों के इलाज के दौरान उनके परिवार को हर महीने 5,000 रुपये की सहायता दी जाती है। इलाज का लंबा सफर अकसर आर्थिक बोझ बढ़ा देता है, ऐसे में यह रकम परिवार की मदद करती है और उनकी परेशानी कम करती है। बच्चों के इलाज के दौरान घर की आमदनी पर असर न हो, इसका खास ध्यान रखा गया है।
पात्रता और आवेदन प्रक्रिया
इस स्कीम का लाभ लेने के लिए बच्चे की आयु 18 वर्ष से कम होनी चाहिए और वह राजस्थान का मूल निवासी हो या कम से कम तीन साल से राज्य में रह रहा हो। आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है जिसमें जनाधार नंबर का इस्तेमाल करते हुए ई-मित्र सेंटर या स्वयं की एसएसओ आईडी से अप्लाई किया जा सकता है। इससे योजना का लाभ जल्दी, पारदर्शी और आसान तरीके से बच्चों तक पहुंच सकेगा।
लाखों बच्चों को मिली संजीवनी
गंभीर बीमारियों से जूझ रहे बच्चों के इलाज में राजस्थान सरकार की यह पहल उम्मीद की नई किरण बनकर सामने आई है। गरीब और जरूरतमंद परिवारों को 50 लाख तक मुफ्त इलाज, 5,000 रुपये हर महीने और सरकारी सपोर्ट मिलने से न सिर्फ बच्चों का जीवन बचता है, बल्कि परिवार का भविष्य भी सुरक्षित होता है। मुख्यमंत्री आयुष्मान बाल संबल योजना राजस्थान के हर बच्चे के स्वस्थ जीवन का अधिकार सुनिश्चित करने की दिशा में मील का पत्थर मानी जा रही है।
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