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प्रॉपर्टी दस्तावेज लौटाने में देरी होने पर बैंकों को 5,000 रुपये रोजाना के हिसाब से देना होगा जुर्माना

RBI ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे लोन के भुगतान या सेटलमेंट के 30 दिनों के अंदर अपने ग्राहकों को चल या अचल संपत्ति के सभी ऑरिजिनल दस्तावेज लौटा दें। ऐसा नहीं करने पर बैंकों को जुर्माना देना होगा। अगर चल/अचल संपत्ति से जुड़ा दस्तावेज गुम हो गया है या इसे किसी वजह से नुकसान पहुंचा है, तो बैंक (रेगुलेटेड इकाई) लोन लेने वाले शख्स या इकाई को इस संपत्ति की डुप्लिकेट/सर्टिफाइड कॉपी हासिल करने में मदद करेगा और इस पर होने वाला खर्च भी वहन करेगा

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 13, 2023 पर 2:27 PM
प्रॉपर्टी दस्तावेज लौटाने में देरी होने पर बैंकों को 5,000 रुपये रोजाना के हिसाब से देना होगा जुर्माना
लोन लेने वाले के पास चल/अचल संपत्ति से जुड़ा दस्तावेज उस ब्रांच से लेने का विकल्प होगा, जहां लोन अकाउंट चल रहा है।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे लोन के भुगतान या सेटलमेंट के 30 दिनों के अंदर अपने ग्राहकों को चल या अचल संपत्ति के सभी ऑरिजिनल दस्तावेज लौटा दें। रिजर्व बैंक ने बैंकों को इस अवधि के दौरान ग्राहकों से रजिस्ट्री शुल्क भी नहीं लेने को कहा है। केंद्रीय बैंक की तरफ से जारी सर्कुलर में कहा गया है, 'कर्ज के सेटलमेंट या भुगतान के 30 दिनों बाद तक दस्तावेज नहीं लौटाने पर बैंक (रेगुलेटेड इकाई) को देरी की वजह बतानी होगी।'

रिजर्व बैंक के मुताबिक, अगर देरी लेंडर (बैंक या अन्य इकाई) की तरफ से हुई है, तो इस देरी के लिए बैंक को हर रोज के हिसाब से 5,000 रुपये का जुर्माना भरना होगा। अगर चल/अचल संपत्ति से जुड़ा दस्तावेज गुम हो गया है या इसे किसी वजह से नुकसान पहुंचा है, तो बैंक (रेगुलेटेड इकाई) लोन लेने वाले शख्स या इकाई को इस संपत्ति की डुप्लिकेट/सर्टिफाइड कॉपी हासिल करने में मदद करेगा और इस पर होने वाला खर्च भी वहन करेगा।

रिजर्व बैंक का कहना है, 'हालांकि, ऐसे मामलों में बैंकों के पास इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 30 दिनों का अतिरिक्त समय होगा और देरी से जुड़ी पेनाल्टी का आकलन इसके बाद (कुल 60 दिनों के बाद) किया जाएगा।'

दरअसल, रिजर्व बैंक ने पाया था कि बैंक (रेगुलेटेड इकाइयां) चल/अचल संपत्तियां लौटाने के मामले में अलग-अलग नियमों का पालन करते हैं, जिससे विवाद और शिकायत की नौबत आ जाती है। इस बात को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय बैंक ने यह सर्कुलर जारी किया है। रिजर्व बैंक ने बैंकों को यह भी बताया कि लोन लेने वाले के पास चल/अचल संपत्ति से जुड़ा दस्तावेज उस ब्रांच से लेने का विकल्प होगा, जहां लोन अकाउंट चल रहा है। इसके अलावा, कस्टमर अपनी सुविधा के हिसाब से किसी अन्य ऑफिस से भी दस्तावेज ले सकते हैं, जहां यह मौजूद रहेगा।

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