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Business Idea: कॉफी की खेती से किसानों की होगी तगड़ी कमाई, ऐसे करें शुरू

Business Idea: दुनिया में इंस्टेंट कॉफी की मांग को देखते हुए भारत की कॉफी अच्छी पहचान बना रही है। इससे कॉफी उगाने वाले और निर्यातकों को फायदा हो रहा है। भारत में कॉफी की डिमांड दिनों दिन बढ़ती जा रही है। भारत में कॉफी की कई किस्में उगाई जाती हैं। इसमें केंट कॉफी भारत की सबसे पुरानी कॉफी मानी जाती है। इसका उत्पादन केरल में सबसे ज्यादा होता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 10, 2024 पर 6:55 AM
Business Idea: कॉफी की खेती से किसानों की होगी तगड़ी कमाई, ऐसे करें शुरू
Business Idea: एक बार कॉफी की बुवाई-रोपाई करके के बाद करीब 50-60 साल तक इसके बीजों का बंपर उत्पादन लिया जा सकता है।

दुनिया भर में कॉफी की खपत दिन रोजाना बढ़ती जा रही है। भारत ने भी कॉफी निर्यात (coffee export) के मामले में साल 2022 में कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। दुनिया में इंस्टेंट कॉफी की बढ़ती मांग का फायदा लेते हुए भारत ने कॉफी बेचकर अरबों रुपये की कमाई की है। ऐसे में कॉफी की खेती के जरिए बंपर कमाई कर सकते हैं। यह नकदी फसल है। इनमें मुनाफा ज्यादा रहता है। भारत में दक्षिण पहाड़ी राज्यों में मुख्य रूप से की जाती है। कॉफी उत्पादन में भारत दुनिया के प्रमुख 6 देशों में शामिल है। केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु भारत के ऐसे राज्य हैं। जहां कॉफी का उत्पादन सबसे अधिक होता है।

भारत की कॉफी की गुणवत्ता सबसे अच्छी मानी जाती है। पिछले साल भारत ने 4 लाख टन से ज्यादा कॉफी का निर्यात किया है। रूस और तुर्की से सबसे अधिक कॉफी की मांग आई। भारत ने इसके निर्यात से 1.11 अरब डॉलर की कमाई दर्ज की है। खेप और राशि दोनों के हिसाब से भारत ने पहले से अधिक कॉफी का निर्यात किया है।

भारत में उगाई जाने वाली कॉफी की किस्में

भारत में भी लोग चाय की तरह कॉफी पीने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। देश में कॉफी की कई किस्में उगाई जाती हैं। केंट कॉफी भारत की सबसे पुरानी कॉफी मानी जाती है। इसका उत्पादन केरल में सबसे ज्यादा होता है। अरेबिक कॉफी उच्च गुणवत्ता (High quality) वाली कॉफी मानी जाती है। इसका उत्पादन भी भारत में ही होता है। इसके अलावा अन्य कई किस्में भी भारत में उगाई जाती हैं। कॉफी की खेती खुले और तेज धूप वाले स्थानों पर करने से बचना चाहिए। छायादार स्थानों पर ही इसकी खेती से अच्छी उपज मिलती है। कॉफी की खेती के लिये अधिक सिंचाई की जरूरत नहीं होती है।

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