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Ladli Laxmi Yojana: MP में बेटियों की पढ़ाई का खर्च उठाएंगे ‘मामा’, शादी से पहले मिलते हैं 1 लाख रुपये

Ladli Laxmi Yojana: मध्य प्रदेश में बेटियों की शिक्षा, उनकी शादी के लिए लाडली लक्ष्मी योजना चलाई जा रही है। इस योजना को मई 2007 में शुरू किया गया था। हाल ही में इस योजना ने 16 साल पूरे कर लिए हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान कि राज्य सरकार इंजीनियरिंग, लॉ, आईआईटी और मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के लिए चयनित हुई छात्राओं की फीस जमा कराएगी

Edited By: Jitendra Singhअपडेटेड May 10, 2023 पर 2:41 PM
Ladli Laxmi Yojana: MP में बेटियों की पढ़ाई का खर्च उठाएंगे ‘मामा’, शादी से पहले मिलते हैं 1 लाख रुपये
लाडली लक्ष्मी योजना का दायरा भी अब काफी बढ़ा दिया गया है।

Ladli Laxmi Yojana: एक समय था जब बेटी के पैदा होने पर माता-पिता के चेहरे पर चिंता की लकीरें छा जाती थीं। लेकिन आज स्थिति एकदम उलट है। आज बेटी के पैदा होने पर मातम नहीं बल्कि जश्न मनाया जाता है। बेटियों के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की ओर से कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं। ऐसे ही मध्य प्रदेश में की शिक्षा और उनकी शादी के लिए लाडली लक्ष्मी योजना (Ladli Laxmi Scheme) चलाई जा रही है। सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि इस योजना के तहत इंजीनियरिंग, लॉ, आईआईटी और मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के लिए चयनित हुई छात्राओं की फीस राज्य सरकार जमा कराएगी।

बता दें कि लाडली लक्ष्मी योजना की शुरुआत 2 मई 2007 को की गई थी। इस योजना ने हाल ही में 16 साल पूरे किए हैं। तब से अब तक में लाडली लक्ष्मी योजना का दायरा काफी बढ़ गया है। पहले इसका बजट काफी कम था। अब इसके बजट में बढ़ोतरी की गई है। इस योजना के जरिए बेटियों के भविष्य की नींव को मजबूत कर और उनकी शैक्षिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने की दिशा में क्रांति आई है।

जानिए क्या लाडली लक्ष्मी योजना

लाडली लक्ष्मी योजना की शुरुआत बेटी का भविष्य सुरक्षित रखने के लिए किया गया है। इस योजना का मकसद बेटियों की सेहत पर ध्यान देना है। जब बेटी पैदा होती है तो उसकी मृत्यु दर को रोकना है। मध्य प्रदेश सरकार लाडली लक्ष्मी योजना के तहत बच्ची के जन्म से लेकर उसकी शादी तक पढ़ाई के लिए आर्थिक सहायता करती है। सरकार बच्ची के जन्म पर 11,000 रुपये की मदद करती है। इस योजना के तहत बेटी की शादी करने में 10,0000 रुपये दिए जाते हैं। मौजूदा समय में इस योजना में 4800000 बेटियां रजिस्टर्ड हैं। जब इस योजना की शुरुआत की गई थी। उस साल 30000 लड़कियां थीं।

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