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Health Insurance Claim: अस्पताल से छुट्टी के समय इंश्योरेंस क्लेम में देरी, मरीजों की बढ़ी चिंता

Health Insurance Claim: हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम में बार-बार देरी के चलते मरीजों को डिस्चार्ज के लिए 6 से 48 घंटे तक अस्पताल में रुकना पड़ता है।​ ज्यादातर पॉलिसीधारकों का मानना है कि कंपनियां क्लेम प्रक्रिया में जानबूझकर देर करती हैं, जिससे कई बार अतिरिक्त खर्च और मानसिक परेशानी बढ़ जाती है।

Edited By: Shradha Tulsyanअपडेटेड Oct 28, 2025 पर 3:37 PM
Health Insurance Claim: अस्पताल से छुट्टी के समय इंश्योरेंस क्लेम में देरी,  मरीजों की बढ़ी चिंता

हेल्थ इंश्योरेंस लेते वक्त हर किसी की यही उम्मीद होती है कि बीमार पड़ने पर इलाज आसानी से मिल जाएगा और अस्पताल से छुट्टी भी समय पर हो जाएगी। लेकिन हकीकत यह है कि इलाज तो जल्दी मिल जाता है, पर डिस्चार्ज की प्रक्रिया में घंटों की देरी पॉलिसी होल्डर्स के लिए एक नई मुसीबत बन चुकी है। कई बार बीमा कंपनियां मरीज के क्लेम को मंजूर करने में देर करती हैं, जिससे मरीज को 6 से 48 घंटे तक अस्पताल में अतिरिक्त रुकना पड़ता है। इलाज का खर्चा बढ़ता है और मानसिक तनाव भी।

इलाज की मंजूरी तो तुरंत, पर पेमेंट में लेट-लतीफी

अक्सर बीमा कंपनियां इलाज की अनुमति तो जल्दी दे देती हैं, लेकिन पेमेंट प्रोसेस पर बार-बार सवाल उठते हैं। कुछ कंपनियां क्लेम रिजेक्शन का हवाला देकर बीमारियों को पहले से मौजूद बताकर देरी करती हैं। ऐसे हालात में मरीज को डॉक्टरी रिपोर्ट और दस्तावेज देने पड़ते हैं, तब जाकर उसका क्लेम स्वीकृत होता है। लेकिन फिर भी मरीज को कमरा किराया और अन्य खर्चों के लिए अतिरिक्त भुगतान करना पड़ जाता है।

डिस्चार्ज समरी और बिल के बाद भी देरी क्यों?

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