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EPFO vs NPS: रिटायरमेंट के लिए कहां लगाएं पैसा, कौन देगा ज्यादा रिटर्न और पेंशन? समझिए पूरा कैलकुलेशन

EPFO vs NPS: क्या आपको ज्यादा पेंशन चाहिए या पूरी सुरक्षा? EPFO और NPS दोनों में अंतर इतना गहरा है कि सही चुनाव आपकी पूरी रिटायरमेंट प्लानिंग बदल सकता है। आंकड़ों और कैलकुलेशन से समझिए क्या है बेहतर।

Suneel Kumarअपडेटेड Aug 07, 2025 पर 3:29 PM
EPFO vs NPS: रिटायरमेंट के लिए कहां लगाएं पैसा, कौन देगा ज्यादा रिटर्न और पेंशन? समझिए पूरा कैलकुलेशन
EPFO और NPS दोनों में कर्मचारी को अपने योगदान पर टैक्स छूट मिलती है।

EPFO vs NPS: भारत में रिटायरमेंट के लिए दो बचत योजनाएं काफी लोकप्रिय हैं- नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO)। दोनों का मकसद रिटायरमेंट के बाद नियमित आय देना है। लेकिन, इनका स्ट्रक्चर, निवेश तरीका, पात्रता और पेंशन मिलने के तरीके में बड़ा अंतर है।

आइए जानते हैं कि NPS और EPFO में मुख्य अंतर क्या है और आपके लिए कौन-सी स्कीम बेस्ट रहेगी।

कौन कर सकता है निवेश?

EPFO के तहत वह कर्मचारी अनिवार्य रूप से आता है जिसकी बेसिक सैलरी ₹15,000 या उससे कम हो। हालांकि, इससे अधिक वेतन पाने वाले कर्मचारी भी स्वेच्छा से EPF में योगदान कर सकते हैं, जैसा कि अधिकांश कॉर्पोरेट सेक्टर में होता है। इसके तहत कंपनी और कर्मचारी- दोनों का योगदान अनिवार्य होता है।

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