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गाजियाबाद में कपल से लूटे 3 करोड़ रुपये! शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर हुआ फ्रॉड, Facebook एड पर किया था क्लिक

Ghaziabad News: गाजियाबाद के इंदिरापुरम में एक कपल से 3 करोड़ रुपये लूट लिये। शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर साइबर स्कैम हुआ है। कपल ने सिर्फ फेसबुक के एड पर किया क्लिक और 3 करोड़ रुपये पानी में चले गए। जालसाज लोगों से उनके पैसे ठगने के लिए लगातार नए-नए तरीके ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 12, 2024 पर 3:20 PM
गाजियाबाद में कपल से लूटे 3 करोड़ रुपये! शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर हुआ फ्रॉड, Facebook एड पर किया था क्लिक
Ghaziabad News: गाजियाबाद के इंदिरापुरम में एक कपल से 3 करोड़ रुपये लूट लिये।

Ghaziabad News: गाजियाबाद के इंदिरापुरम में एक कपल से 3 करोड़ रुपये लूट लिये। शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर साइबर स्कैम हुआ है। कपल ने सिर्फ फेसबुक के एड पर किया क्लिक और 3 करोड़ रुपये पानी में चले गए। जालसाज लोगों से उनके पैसे ठगने के लिए लगातार नए-नए तरीके ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं। हाल ही में इंदिरापुरम गाजियाबाद में रहने वाले व्यक्ति ने फेसबुक पर ऑनलाइन विज्ञापनों के माध्यम से फर्जी निवेश के अवसर के लालच में आकर साइबर धोखाधड़ी में 3 करोड़ रुपये से अधिक खो दिए। पत्नी ने साइबर ठगी की पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। नबनिता और मृणाल मिश्रा उत्तर प्रदेश के इंदिरापुरम गाजियाबाद के रहने वाले हैं। हाल ही में नबनिता मिश्रा ने गाजियाबाद के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई और दावा किया कि उन्हें और उनके पति को साइबर धोखाधड़ी में 3.1 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि कपल ने जुलाई और अगस्त के बीच कई बैंक अकाउंट में 22 ट्रांजेक्शन किये, यह सोचकर कि वे स्टॉक ट्रेडिंग में पैसा लगा रहे हैं।

शिकायत के अनुसार नबनिता मिश्रा की नजर फेसबुक (Facebook) पर एक विज्ञापन पर पड़ी और उन्होंने उस पर क्लिक कर दिया। इसके बाद उसे एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया, जो ग्रुप ये क्लेम कर रहा था कि ये एक फेमस निवेश का प्लेटफॉर्म है, जो शेयर मार्केट में पैसा निवेश करवाता है। शिकायतकर्ता के अनुसार एडमिनिस्ट्रेटर की पहचान रजत चोपड़ा के रूप में की गई, जिसने समूह के सदस्यों को GTC नाम की एक प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया, जिसमें शानदार रिटर्न का वादा किया गया था।

शिकायतकर्ता ने आगे दावा किया कि उसने शुरुआत में निवेश सलाह के लिए 2,000 रुपये की मंथली सदस्यता का पेमेंट किया और फिर उसे शेयरों और आईपीओ निवेश के लिए भी निवेश के लिए मना लिया गया। ये पैसा ट्रांसफर एक नंबर के जरिये शेयर की गई। इसके बारे में कंपनी ने दावा किया था कि यह उनका नंबर है। नबनिता के अनुसार कंपनी ने प्रामाणिक सेबी रजिस्ट्रेशन नंबर की जानकारी भी शेयर की। व्हाट्सएप ग्रुप पर वे अपने ट्रांजेक्शन और कमाए हुए प्रॉफिट की जानकारी शेयर करते थे।

इसके अलावा शिकायतकर्ता ने कहा कि कंपनी ने आईपीओ ट्रांजेक्शन में से एक के लिए उसे 80 लाख रुपये का लोन दिया था। जब उसने अपने खाते तक पहुंचने की कोशिश की, तो उसे अपना लोन चुकाने के लिए सूचित किया गया। ऐसा करने के लिए उसने अपने दिवंगत पिता की एफडी को गिरवी रख दिया। अंत में वह अपने खाते तक पहुंचने और कंपनी के ऐप में अपने निवेश और मुनाफे की जानकारी चेक करने में सक्षम हो गई, लेकिन इसमें एक ट्विस्ट था। वह पैसे का इस्तेमाल नहीं कर सकी और इसके बदले उसे टैक्स का पेमेंट करने के लिए कहा गया। जब उसने अलग प्लेटफार्मों के माध्यम से आईपीओ में निवेश करने की कोशिश की और ऐसा नहीं कर पाई तो उसे संदेह हुआ। कंपनी ने उन्हें सूचित किया कि उसे इंटरनेशनल स्टेटस मिला है।

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