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Gold Buying: रुपया या डॉलर, किस करेंसी से गोल्ड खरीदने पर होगा ज्यादा फायदा?

Gold Buying Tips: भारतीय रुपये में गोल्ड ने अमेरिकी डॉलर की तुलना में ज्यादा स्थिर और बेहतर रिटर्न दिए हैं, खासतौर पर बीते 35 सालों में। आइए जानते हैं कि इसकी वजह क्या है और किस करेंसी में गोल्ड में निवेश करने में ज्यादा फायदा होगा।

Suneel Kumarअपडेटेड Apr 30, 2025 पर 5:12 PM
Gold Buying: रुपया या डॉलर, किस करेंसी से गोल्ड खरीदने पर होगा ज्यादा फायदा?
1990 से 2002 के बीच गोल्ड ने डॉलर में कई बार निगेटिव रिटर्न दिया।

Gold Buying: अंतरराष्ट्रीय बाजार में गोल्ड का रेट डॉलर में तय होता है। लेकिन, इसे स्थानीय करेंसी में भी खरीदने का विकल्प रहता है। जैसे कि भारत में आप रुपये से सोना खरीदते हैं। ऐसे में एक सवाल उठता है कि गोल्ड में डॉलर में खरीदना सही रहता है या फिर रुपये में। इस सवाल का जवाब दिया है कैपिटलमाइंड फाइनेंशियल सर्विसेज की लेटेस्ट रिपोर्ट ने।

इस रिपोर्ट के मुताबिक, सोने ने भारतीय रुपये (INR) में खरीद पर लगातार बेहतर रिटर्न दिया है। इसका अमेरिकी डॉलर (USD) में मिले रिटर्न की तुलना में प्रदर्शन ज्यादा मजबूत रहा है। सबसे दिलचस्प बात है कि इतने दशकों में सोने ने रुपये के लिहाज से कभी भी 10 साल की अवधि में नेगेटिव रिटर्न नहीं दिया। वहीं, डॉलर में दो बार ऐसे पूरे दशक बीते हैं, जब निवेशक नुकसान में रहे।

रुपये में निवेश पर बेहतर रिटर्न मिलने की वजह क्या है?

कैपिटलमाइंड की रिपोर्ट का मानना है कि भारतीय निवेशकों के लिए सोना एक मजबूत वैल्यू प्रिजर्वर (मूल्य को बचाए रखने वाला) साबित हुआ है। इसकी वजह है कि समय के साथ रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर होता गया है। मिसाल के लिए, 1973 में 1 डॉलर की कीमत सिर्फ ₹8 थी, जो अब ₹85 के आसपास है। इसका मतलब है कि जब डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होता है, तो भारत में सोना और महंगा हो जाता है, भले ही इंटरनेशनल मार्केट में प्राइस ना बढ़े।

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