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GST reform : 22 सितंबर से रिन्यूएबल प्रीमियम पर भी जीएसटी से मिलेगी छूट-कोटक लाइफ के CEO महेश बालासुब्रमण्यम

GST Reform News : कोटक लाइफ के मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा है कि अलग-अलग कंपनियां अपने पोर्टफोलियो के प्रदर्शन के आधार पर दरों को एडजस्ट कर सकती हैं, लेकिन निकट भविष्य में इंडस्ट्री वाइड प्रीमियम में बढ़ोतरी की संभावना नहीं है

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 09, 2025 पर 12:23 PM
GST reform : 22 सितंबर से रिन्यूएबल प्रीमियम पर भी जीएसटी से मिलेगी छूट-कोटक लाइफ के CEO महेश बालासुब्रमण्यम
बालासुब्रमण्यम ने आगे कहा कि यह एक गलत सोच है कि बीमा केवल टैक्स बचाने के लिए खरीदा जाता है। हालांकि मार्च का महीना पारंपरिक रूप से एक व्यस्त महीना रहता। लेकिन आजकल ग्राहक केवल टैक्स छूट के लिए पॉलिसी नहीं खरीदते हैं

GST exemption on life insurance policies : लाइफ इंश्योरेंस खरीदने और उसका फायदा उठाने के हमारे तरीका पहले से कहीं ज़्यादा तेज़ी से बदल रहे हैं। GST छूट और नई कर व्यवस्था में बदलाव से लेकर बीमा सुगम के लॉन्च तक, इन इवेंट्स का पॉलिसीधारकों और इंडस्ट्री के लिए क्या अर्थ है? इन मुद्दों पर बात करते हुए मनीकंट्रोल को दिए एक साक्षात्कार में, कोटक लाइफ इंश्योरेंस के मैनेजिंग डायरेक्टर महेश बालासुब्रमण्यम ने कहा कि व्यक्तिगत लाइफ इंश्योरेंस पर GST छूट एक ऐतिहासिक कदम है। इससे इंश्योरेंस प्रोडक्ट और भी सस्ते हो गए हैं। इससे लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों के ज़्यादा लोगों तक पहुंचने और देश भर में अपनी पहुंच बढ़ाने में मदद मिली है। इस फ़ैसले के लिए वित्त मंत्री और जीएसटी काउंसिल की सराहना की जानी चाहिए।

शॉर्ट टर्म में,इंश्योरेंस कंपनियों को कुछ आर्थिक पहलुओं पर फिर से विचार करना होगा और इनपुट टैक्स क्रेडिट जैसे मुद्दों की जांच करनी होगी। लेकिन कुल मिलाकर, सरकार का यह कदम इंश्योरेंस इंडजस्ट्री के लिए एक बहुत अच्छी बात है। यह लाइफ इंश्योरेंस काउंसिल के संदेश "सबसे पहले लाइफ इंश्योरेंस" के अनुरूप है,क्योंकि इससे लाइफ इंश्योरेंस की सुविधा अधिक सुलभ हो जाएगी।

उन्होंने आगे कहा कि अभी और स्पष्टीकरण का इंतज़ार कर है, लेकिन उनका मानना यह है कि 22 सितंबर से लाइफ इंश्योरेंस का रिन्यूएबल प्रीमियम भी जीएसटी से मुक्त हैं। जहां तक बीमा पर आने वाले खर्च (actuarial calculations) का सवाल है तो सभी इंश्योरेंस कंपनियां उन पर नए सिरे से काम कर रही हैं। इस पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन इस पर और स्पष्टता आने पर कंपनियां जरूरी बदलाव करेंगी।

बालासुब्रमण्यम ने आगे कहा कि यह एक गलत सोच है कि बीमा केवल टैक्स बचाने के लिए खरीदा जाता है। हालांकि मार्च का महीना पारंपरिक रूप से एक व्यस्त महीना रहता। लेकिन आजकल ग्राहक केवल टैक्स छूट के लिए पॉलिसी नहीं खरीदते हैं। हालांकि ट्रेडिशनल प्लान्स के लिए 5 लाख रुपये और यूलिप के लिए 2.5 लाख रुपये की सालाना छूट ज़्यादा मायने रखती है।

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