इंडिया में घर खरीदना व्यक्ति की सफलता का पैमाना माना जाता है। अगर किसी व्यक्ति ने एक से ज्यादा घर खरीदा है तो फिर समाज को उसकी सफलता के बारे में किसी तरह का संदेह नहीं रह जाता है। कई लोगों का मानना है कि अगर नौकरी के दौरान व्यक्ति हम लोन लेकर घर खरीदता है तो रिटायर होने से पहले उसके पास होम लोन का पैसा चुकाने के लिए पर्याप्त समय होता है। इससे रिटायरमेंट के बाद वह अपने घर में रहने का सुख उठाता है। लेकिन, पिछले कुछ सालों में इस पारंपरिक सोच को चुनौती मिलती दिख रही है।