आज के डिजिटल युग में भी कई लोग घर पर नकद पैसा रखना पसंद करते हैं, और इनकम टैक्स विभाग ने इस पर कोई सीमा निर्धारित नहीं की है। परंतु जरूरी है कि इस कैश का वैध स्रोत साबित किया जा सके। यदि आप इसका सही हिसाब नहीं दे पाते, तो भारी जुर्माना और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। आयकर अधिनियम की विभिन्न धाराएं कैश की प्राप्ति और रखरखाव में पारदर्शिता की मांग करती हैं ताकि टैक्स चोरी और काले धन का मुकाबला किया जा सके।