निवेशकों को हाई वैल्यूएशन की चिंता नहीं है। अच्छी लिक्विडिटी की बदौलत मार्केट चढ़ रहा है। बीते 53 महीनों में सेंसेक्स 200 फीसदी चढ़ा है। इससे पहले मई 2003 से जनवरी 2008 के बीच सेंसेक्स 600 अंक से ज्यादा चढ़ा था। इसके बाद अगस्त 2013 और जनवरी 2020 के बीच सेंसेक्स 140 फीसदी चढ़ा था। इस बार लगातार मार्केट में तेजी के बाद संदेह के बादल मंडरा रहे हैं। बड़ा सवाल यह है कि क्या यह तेजी जारी रहेगी या मार्केट में करेक्शन आएगा? निवेशकों के मन में यह सवाल इसलिए चल रहा है, क्योंकि वे ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते। ज्यादा रिस्क नहीं लेने वाले निवेशकों के लिए म्यूचुअल फंड की हाइब्रिड स्कीम अच्छा विकल्प हो सकती है।