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इनकम टैक्स की पुरानी और नई रीजीम में से किसका करें इस्तेमाल? जानिए एक्सपर्ट्स के जवाब

इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स को नई और पुरानी रीजीम में स्विच करने की सुविधा है। लेकिन, स्विच करने से पहले उन्हें अच्छी तरह सोच लेना चाहिए। जो टैक्सपेयर्स टैक्स-सेविंग्स नहीं करते हैं उनके लिए नई रीजीम फायदेमंद है, क्योंकि इसमें टैक्स के रेट पुराने से कम हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Jun 17, 2024 पर 3:34 PM
इनकम टैक्स की पुरानी और नई रीजीम में से किसका करें इस्तेमाल? जानिए एक्सपर्ट्स के जवाब
टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि नई और पुरानी में से कौन सी रीजीम आपके लिए फायदेमंद है, इसका फैसला कुछ मानकों पर लिया जा सकता है।

कंपनियों ने अपने एंप्लॉयीज को फॉर्म 16 जारी कर दिए हैं। अब सैलरीड टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं। कई टैक्सपेयर्स ने आईटीआर फाइल कर दिया है। रिटर्न फाइल करने के लिए टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स की नई और पुरानी स्कीम में से किसी एक का चुनाव करना जरूरी है। हर रीजीम के अपने-अपने फायदे हैं। इसके हिसाब से टैक्सपेयर्स इस आधार पर रीजीम का फैसला कर सकते हैं कि कौन सी रीजीम उनके लिए फायदेमंद हैं।

2023 के बजट में नई टैक्स रीजीम में बड़े बदलाव

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023 के यूनियन बजट में नई टैक्स रीजीम में कई बड़े बदलाव किए थे। उन्होंने बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट 50,000 रुपये बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी थी। इसके अलावा सेक्शन 87ए के तहत मिलने वाले रिबेट को बढ़ा गया था। इससे नई रीजीम में सालाना 7 लाख रुपये तक इनकम वाले लोगों को टैक्स चुकाने की जरूरत नहीं है। इसका मकसद टैक्स कैलकुलेशन को आसान बनाना था।

टैक्स-सेविंग्स और इसके फायदों को समझना होगा

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