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GST on Insurance Premium: अभी हल्का नहीं होगा प्रीमियम का बोझ! जीएसटी काउसिंल ने इस कारण टाल दिया फैसला

GST on Insurance Premium: हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर आम लोगों को राहत मिलने का इंतजार फिलहाल और लंबा खिंच गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि अधिकारियों के मुताबिक जीएसटी काउंसिल ने इन पर जीएसटी की दरों में कटौती के फैसले को स्थगित कर दिया है। जानिए ऐसा क्यों हुआ और इस कटौती से आम लोगों को क्या फायदा मिलता और सरकार को कितना झटका लगता?

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Dec 21, 2024 पर 3:51 PM
GST on Insurance Premium: अभी हल्का नहीं होगा प्रीमियम का बोझ! जीएसटी काउसिंल ने इस कारण टाल दिया फैसला
लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी की दरों में कटौती को लेकर कई राज्य सहमत नहीं हैं।

GST on Insurance Premium: हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर आम लोगों को राहत मिलने का इंतजार फिलहाल और लंबा खिंच गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि अधिकारियों के मुताबिक जीएसटी काउंसिल ने इन पर जीएसटी की दरों में कटौती के फैसले को स्थगित कर दिया है। न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा इसलिए क्योंकि इस पर आम सहमति नहीं बन पाई। बता दें कि अगर यह राहत मिल जाती तो आम लोगों को प्रीमियम कम देना पड़ता लेकिन वहीं दूसरी तरफ जीएसटी काउसिंल के सूत्रों के मुताबिक सरकार को हर साल करीब 2600 करोड़ रुपये की चपत लगती। काउंसिल की आज 55वीं बैठक जैसलमेर में हो रही है।

क्यों नहीं बन पाई आम सहमति?

इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी की दरों में कटौती को लेकर कई राज्य सहमत नहीं हैं। उनको डर है कि ऐसा हुआ तो, उनका रेवेन्यू कम हो जाएगा। वित्त वर्ष 2024 में लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर केंद्र और राज्यों को करीब 16400 करोड़ रुपये की जीएसटी रेवेन्यू हासिल हुआ था। अब जीएसटी काउंसिल के मुताबिक अगर टैक्स रेट में कटौती की जाती है तो इससे सालाना 2500 करोड़ रुपये का झटका लगने की आशंका है। अब इसे लेकर ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) के प्रमुख बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा इस पर फैसला लेने के लिए जीओएम की एक और बैठक करनी होगी और अगली बैठक जनवरी में है।

प्रस्ताव क्या था?

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