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आप भी पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी गलतफहमियों के शिकार तो नहीं हैं?

कई लोग इंश्योरेंस के सही मायने को नहीं जानते हैं। कुछ को लगता है कि यह एक सेविंग इंस्ट्रूमेंट है। कई लोगों को लगता है कि किसी भी उम्र में इसे खरीदा जा सकता है। हकीकत यह है कि इंश्योरेंस सेविंग इंस्ट्रूमेंट नहीं है

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 09, 2022 पर 6:44 PM
आप भी पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी गलतफहमियों के शिकार तो नहीं हैं?
अगर आपके पास एकमुश्त बहुत ज्यादा पैसे नहीं हैं तो आप होम लोन लेकर घर खरीद सकते हैं। फिर हर महीने ईएमआई के जरिए उस पैसे और उस पर लगने वाले इंट्रेस्ट को चुका सकते हैं। इस तरह 15-20 साल में आपका होम लोन खत्म हो जाता है।

पर्सनल फाइनेंस (Personal Finance) से जुड़ी ऐसी कई गलतफहमियां हैं, जो लोगों को नुकसान पहुंचाती हैं। इनके बारे में जान लेना फायदेमंद है। कई लोग इनके शिकार होते हैं। इससे वे अपना नुकसान करते हैं। कुछ लोग मानते हैं कि रिटायरमेंट (Retirement) के बाद भी वे इंश्योरेंस (Insurance) खरीद सकते हैं। कुछ को सरकारी स्कीमों में पैसा रखना बहुत सुरक्षित लगता है। कई को हेल्थ इंश्योरेंस खरीदना महंगा सौदा लगता है। ये सिर्फ कुछ उदाहरण हैं, इनकी लिस्ट लंबी है। हम आपको ऐसी चार बड़ी गलतफहमियों के बारे में बता रहे हैं।

1. ज्यादा उम्र में भी जरूरी है इंश्योरेंस

कई लोग इंश्योरेंस के सही मायने को नहीं जानते हैं। कुछ को लगता है कि यह एक सेविंग इंस्ट्रूमेंट है। कई लोगों को लगता है कि किसी भी उम्र में इसे खरीदा जा सकता है। हकीकत यह है कि इंश्योरेंस सेविंग इंस्ट्रूमेंट नहीं है। अगर आप भी सेविंग के लिए इसका इस्तेमाल कर रहे हैं तो आप अपना नुकसान कर रहे हैं। इंश्योरेंस का मकसद सुरक्षा देना है। यह आपके परिवार को फाइनेंशियल सिक्योरिटी देता है। इसलिए इसकी जरूरत उस दौरान ज्यादा पड़ती है, जब आपकी सभी जिम्मेदारियां पूरी नहीं हुई होती है। इसमें बच्चों की शिक्षा, उनकी शादी आदी शामिल हैं। एक बार ये जिम्मेदारियां पूरी हो जाने पर आप वित्तीय रूप से काफी फ्री हो जाते हैं।

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