ITR Filing 2025: असेसमेंट ईयर 2025–26 (वित्त वर्ष 2024–25) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। खासकर फॉर्म 16 मिलने के बाद बड़ी संख्या में टैक्सपेयर्स रिटर्न भर रहे हैं।
ITR Filing 2025: असेसमेंट ईयर 2025–26 (वित्त वर्ष 2024–25) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। खासकर फॉर्म 16 मिलने के बाद बड़ी संख्या में टैक्सपेयर्स रिटर्न भर रहे हैं।
हालांकि, टैक्स एक्सपर्ट्स चेतावनी दे रहे हैं कि रिटर्न में अगर आपने कोई गलत जानकारी दी या आय को छुपाया, तो आयकर विभाग न सिर्फ जुर्माना लगा सकता है बल्कि ब्याज और कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है। यह जुर्माना 200% तक हो सकता है।
गलत दावे पर भारी जुर्माना
AKM ग्लोबल में टैक्स पार्टनर संदीप सहगल के मुताबिक, 'ITR में आय छुपाना, झूठे डिडक्शन या छूट का दावा करना, या गलत जानकारी देना आयकर अधिनियम की धारा 270A के तहत सजा के दायरे में आता है। अगर गलती अनजाने में हुई है, तो टैक्स का 50% जुर्माना देना पड़ सकता है। लेकिन जानबूझकर गलत जानकारी देने पर टैक्स का 200% तक जुर्माना लगाया जा सकता है।'
कब लग सकता है 200% जुर्माना?
धारा 271AAD के तहत, असेसमेंट के दौरान अगर कोई गलत या छूटी हुई एंट्री सामने आती है, तो उस पूरी रकम के बराबर अलग से जुर्माना लगाया जा सकता है।
गलत ITR फॉर्म भी पड़ सकता है भारी
ClearTax की रिपोर्ट के अनुसार, कई टैक्सपेयर्स सही फॉर्म का चयन नहीं करते, जिससे कुछ इनकम रिपोर्ट नहीं हो पाती। ऐसे मामलों में भी जुर्माने का खतरा बना रहता है। ऐसे में पूरी तरह से जांच-परख ही ITR फॉर्म चुनें। अगर जरूरी हो, तो किसी एक्सपर्ट की भी सलाह ले सकते हैं।
CA की गलती का भी नहीं मिलेगा सहारा
टैक्स एक्सपर्ट स्पष्ट करते हैं कि अगर रिटर्न तैयार करते समय आपके चार्टर्ड अकाउंटेंट या टैक्स कंसल्टेंट से गलती हुई, तब भी जिम्मेदारी टैक्सपेयर की ही मानी जाएगी। कानून के तहत जवाबदेह वही होता है जिसने रिटर्न फाइल किया है। इसका मतलब कि आप ये भी बहाना बनाकर नहीं बच सकते कि किसी सीए ने आपका ITR भरा था।
ब्याज और अभियोजन का खतरा
गलत रिटर्न या टैक्स अंडरपेमेंट की स्थिति में टैक्सपेयर्स को आयकर की धारा 234B और 234C के तहत ब्याज देना पड़ सकता है। अगर मामला गंभीर हुआ, तो आयकर विभाग अभियोजन (prosecution) भी शुरू कर सकता है।
कैसे बचें इन गलतियों से?
संदीप सहगल सलाह देते हैं, 'ITR दाखिल करते समय पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता बरतें। अगर कोई त्रुटि रह जाए, तो उसे जल्द ठीक करने से गंभीर कानूनी नतीजे टाले जा सकते हैं।'
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