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​Jan Dhan Yojana: 26% जनधन खाते निष्क्रिय, सरकार ने रि-केवाईसी अभियान से सक्रियता बढ़ाने की शुरूआत की

​Jan Dhan Yojana: प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत 26 प्रतिशत खाते निष्क्रिय हो गए हैं, जिससे वित्तीय समावेशन में बाधा उत्पन्न हो रही है। सरकार ने खाताधारकों से रि-केवाईसी कराकर अपने खाते सक्रिय रखने का आग्रह किया है ताकि वे सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकें।

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 16, 2025 पर 6:21 PM
​Jan Dhan Yojana: 26% जनधन खाते निष्क्रिय, सरकार ने रि-केवाईसी अभियान से सक्रियता बढ़ाने की शुरूआत की

प्रधानमंत्री जन-धन योजना (PMJDY) से जुड़े बैंक खातों की निष्क्रियता में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है, जो देश के वित्तीय समावेशन के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। सितंबर 2025 के अंत तक कुल 54.55 करोड़ जनधन खाते थे, जिनमें से लगभग 26 फीसदी यानी 14.28 करोड़ खाते निष्क्रिय हो गए हैं। यह प्रतिशत पिछले साल के 21 फीसदी से बढ़ गया है, जो चुनौतीपूर्ण स्थिति को दर्शाता है। खास बात यह है कि बड़े सरकारी बैंकों में इस समस्या का असर अधिक दिख रहा है, जैसे बैंक ऑफ इंडिया में 33 फीसदी, यूनियन बैंक में 32 फीसदी और भारतीय स्टेट बैंक में निष्क्रिय खातों का आंकड़ा 19 फीसदी से बढ़कर 25 फीसदी हो गया है।

निष्क्रिय खाते ऐसे होते हैं जिनमें दो वर्षों से कोई लेनदेन नहीं हुआ हो। भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के तहत ऐसे खाते निष्क्रिय या डोरमेंट घोषित कर दिए जाते हैं। 2014 में शुरू हुई प्रधानमंत्री जन-धन योजना का उद्देश्य गरीब और ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन बढ़ाना था, ताकि हर नागरिक बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठा सके। योजना के अंतर्गत जीरो बैलेंस खाता खुलवाना, दुर्घटना एवं जीवन बीमा, पेंशन योजनाओं सहित कई सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।

हालांकि, निष्क्रिय खातों की बढ़ती संख्या इस योजना की सफलता पर प्रश्न चिन्ह लगाती है। इसके पीछे प्रमुख कारणों में खाताधारकों का KYC अपडेट ना करना, आर्थिक गतिविधि में कमी और वित्तीय जागरूकता की कमी शामिल हैं। सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए खाताधारकों को R e-KYC प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है, ताकि खाते सक्रिय रहें और सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के लाभ उठा सकें।

इस दिशा में वित्त मंत्रालय और बैंकों द्वारा माध्यमिक क्षेत्र में जागरूकता बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में वित्तीय साक्षरता को मजबूत करना भी महत्वपूर्ण है, ताकि अधिक से अधिक लोग बैंकिंग से जुड़ें और अपने खातों का सही तरीके से संचालन कर सकें। प्रधानमंत्री जन-धन योजना ने अब तक करोड़ों लोगों को औपचारिक बैंकिंग प्रणाली से जोड़कर आर्थिक समावेशन में बड़ा योगदान दिया है, लेकिन निष्क्रियता में कमी लाने के लिए निरंतर प्रयास जरूरी हैं।

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