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जेट फ्यूल और दूसरे पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के एक साल से पहले GST के तहत आने की उम्मीद नहीं

सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBIC) के सदस्य और स्पेशल सेक्रेटरी शशांक प्रिया ने बताया कि अभी हुए बदलाव के बाद स्थिति सामान्य हो जाने के बाद ही जीएसटी में अगले चरण के बदलाव पर विचार होगा

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 23, 2025 पर 5:12 PM
जेट फ्यूल और दूसरे पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के एक साल से पहले GST के तहत आने की उम्मीद नहीं
कार डीलर्स जिन्होंने 22 सितंबर से पहले ऑटो मैन्युफैक्चरर्स से व्हीकल्स की खरीद पर 28 फीसदी जीएसटी रेट और सेस चुकाए हैं, वे इस सेस पर क्रेडिट क्लेम नहीं कर सकेंगे।

जीएसटी में अगले चरण के रिफॉर्म्स के लिए कम से कम एक साल तक इंतजार करना होगा। सरकार ने यह संकेत दिया है। अगले चरण के रिफॉर्म्स में हवाई जहाजों में इस्तेमाल होने वाले फ्यूल और दूसरे पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को जीएसटी के तहत लाने का प्लान है। जीएसटी काउंसिल ने इस महीने की शुरुआत में जीएसटी फ्रेमवर्क में बड़े बदलाव के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी थी। ये बदलाव 22 सितंबर से लागू हो गए हैं।

अगले चरण के रिफॉर्म्स पर एक साल से पहले चर्चा नहीं

सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBIC) के सदस्य और स्पेशल सेक्रेटरी शशांक प्रिया ने जीएसटी 2.0 पर एसोचैम के एक कार्यक्रम में 23 सितंबर को कहा कि अभी हुए बदलाव के बाद स्थिति सामान्य हो जाने के बाद ही जीएसटी में अगले चरण के बदलाव पर विचार होगा। उन्होने कहा, "एटीएफ (एविएशन टर्बाइन फ्यूल) आदि को जीएसटी के तहत लाने वाले रिफॉर्म्स पर एक साल के पहले चर्चा नहीं होगी। इस पर तभी चर्चा होगी जब जीएसटी 2.0 रिफॉर्म्स के बाद स्थिति सामान्य हो जाएगी।"

कार डीलर्स सेस पर क्रेडिट क्लेम नहीं कर सकेंगे

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