Get App

टैक्स-छूट खत्म होने का बिक्री पर असर नहीं पड़ने का LIC का दावा कितना मजबूत है?

यूनियन बजट 2023 में दो ऐसे ऐलान हैं, जनका असर LIC सहित लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों पर पड़ने की उम्मीद है। पहला, पॉलिसी का प्रीमियम सालाना 5 लाख रुपये से ज्यादा होने पर मैच्योरिटी अमाउंट पर टैक्स चुकाना होगा। दूसरा, न्यू टैक्स रीजीम को सरकार ने अट्रैक्टिव बनाने के लिए कई कदम उठाएं हैं, जिसमें किसी तरह की टैक्स-छूट उपलब्ध नहीं है

Curated By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Feb 13, 2023 पर 1:56 PM
टैक्स-छूट खत्म होने का बिक्री पर असर नहीं पड़ने का LIC का दावा कितना मजबूत है?
देश की सबसे बड़ी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी LIC का जन्म 1956 के एक एक्ट के जरिए हुआ था। आज इसकी मजबूत स्थिति में इंश्योरेंस पॉलिसी पर मिलने वाली टैक्स छूट का बड़ा हाथ है।

इंडिया में इंश्योरेंस इंडस्ट्री की बुनियाद काफी हद तक इनकम टैक्स पॉलिसी पर निर्भर रही है। इनकम टैक्स नियमों में लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी (Life Insurance Policy) खरीदने पर टैक्स-छूट मिलती है। देश की सबसे बड़ी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी LIC का जन्म 1956 के एक एक्ट के जरिए हुआ था। आज इसकी मजबूत स्थिति में इंश्योरेंस पॉलिसी पर मिलने वाली टैक्स छूट का बड़ा हाथ है। एलआईसी की करोड़ों पॉलिसीज टैक्स बचाने वाले हथियार के रूप में बेची गई है। LIC के चेयरमैन ने खुद यह कहा है कि कंपनी की कुल सालाना प्रीमियम का करीब आधा हिस्सा जनवरी, फरवरी और मार्च में आता है। इसकी वजह यह है कि 31 मार्च की डेडलाइन करीब आने पर लोग लाइफ इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स खरीदने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाते हैं। लोग बगैर ज्यादा सोचेसमझे टैक्स घटाने के लिए जो इंश्योरेंस पॉलिसी ऑफर की जाती है, उनमें निवेश कर देते हैं।

बजट 2023 के प्रस्तावों का LIC पर पड़ेगा असर

यूनियन बजट 2023 में ऐसे दो प्रस्ताव हैं, जिनका LIC सहित इंश्योरेंस कंपनियों की ग्रोथ पर बड़ा असर पड़ेगा। पहला, सालाना 5 लाख रुपये से ज्यादा प्रीमियम वाली लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के मैच्योरिटी अमाउंट पर अब टैक्स चुकाना होगा। दूसरा, सरकार इनकम टैक्स की न्यू रिजीम को बढ़ावा दे रही है। इसमें किसी तरह की टैक्स-छूट उपलब्ध नहीं है। इसका मतलब है कि लाइफ इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स की बिक्री में बड़ा रोल निभाने वाला टैक्स एग्जेम्प्शन खत्म हो जाएगा, जिसका सीधा असर LIC की ग्रोथ पर पड़ेगा।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें