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लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स बढ़ने के बाद आपको इक्विटी म्यूचुअल फंड्स की यूनिट बेचने पर कितना ज्यादा टैक्स चुकाना होगा?

पिछले कुछ सालों में सिप के रास्ते म्यूचुअल फंडों की स्कीम में लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है। बजट में वित्तमंत्री ने इक्विटी म्यूचुअल फंडों के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस पर टैक्स बढ़ाने का ऐलान किया है। इससे निवेशकों को अब ज्यादा टैक्स चुकाना होगा

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 24, 2024 पर 4:48 PM
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स बढ़ने के बाद आपको इक्विटी म्यूचुअल फंड्स की यूनिट बेचने पर कितना ज्यादा टैक्स चुकाना होगा?
बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स को 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया गया है। शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स को 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया है।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने यूनियन बजट में इक्विटी म्यूचुअल फंडों के लिए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस बढ़ाने का ऐलान किया। इससे म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीमों में निवेश करने वाले लोगों को झटका लगा है। इसका किस तरह आपके निवेश पर असर पड़ेगा, टैक्स के रूप में जाने वाला अमाउंट कितना बढ़ जाएगा? आइए इन सवालों का जवाब जानते हैं।

कितना बढ़ाया गया है टैक्स?

लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स को 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया गया है। शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स को 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया है। एक साल के बाद बेचने पर हुए गेंस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लगता है। एक साल से पहले बेचने पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लागू होता है। पहले एक वित्त वर्ष में एक लाख रुपये तक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस को टैक्स से छूट हासिल था। अब इसे बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये कर दिया गया है। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स बढ़ने से अब टैक्स ज्यादा लगेगा। इक्विटी फंड में हर महीने 50,000 रुपये के SIP को 5 साल बाद बेचने पर अब 94,095 रुपये का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स चुकाना होगा। टैक्स बढ़ने से पहले कुल 77,456 रुपये टैक्स चुकाना पड़ता।

SIP से निवेश पर असर

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