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LTCG टैक्स के नए नियम से गोल्ड और सिल्वर ETF को बड़ा झटका, अब गोल्ड में निवेश का सबसे अच्छा रास्ता क्या है?

फाइनेंस बिल 2023 में कहा गया है कि म्यूचुअल फंड्स की ऐसी स्कीमें जो शेयरों में 35 फीसदी से कम निवेश करती हैं, उनसे होने वाले कैपिटल गेंस पर इनवेस्टर के स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा। इसका मतलब है कि उन्हें लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस और इंडेक्सेशन से जुड़े फायदे नहीं मिलेंगे

Curated By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Apr 07, 2023 पर 5:22 PM
LTCG टैक्स के नए नियम से गोल्ड और सिल्वर ETF को बड़ा झटका, अब गोल्ड में निवेश का सबसे अच्छा रास्ता क्या है?
गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ पर टैक्स का नया नियम 31 मार्च के बाद होने वाले इनवेस्टमेंट पर लागू होगा। 31 मार्च और इससे पहले हुए निवेश को इंडेक्सेशन और एलटीसीजी टैक्स बेनेफिट्स मिलते रहेंगे।

अब गोल्ड या सिल्वर ETF और फंड ऑफ फंड्स के इनवेस्टर्स को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस (LTCG) का फायदा नहीं मिलेगा। उन्हें इंडेक्सेशन का लाभ भी नहीं मिलेगा। उन्हें अप्रैल से मार्जिनल टैक्स रेट से टैक्स चुकाना होगा। इस बदलाव की वजह फाइनेंस बिल 2023 का एक प्रावधान है। इसमें कहा गया है कि म्यूचुअल फंड्स की ऐसी स्कीमें जो शेयरों में 35 फीसदी से कम निवेश करती हैं, उनसे होने वाले कैपिटल गेंस पर इनवेस्टर्स के टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि उन्होंने स्कीम में निवेश कब किया था।

क्या पुराने निवेश पर भी लागू होगा नया नियम?

आपके लिए यह ध्यान रखना जरूरी है कि यह बदलाव 31 मार्च के बाद होने वाले इनवेस्टमेंट पर लागू होगा। 31 मार्च और इससे पहले हुए निवेश को इंडेक्सेशन और एलटीसीजी टैक्स बेनेफिट्स मिलता रहेगा।

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