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म्यूचुअल फंड निवेशकों का करीबी फ्रेंड बनेगा 'MITRA', जानिए इसके फायदें

सेबी ने 12 फरवरी, 2025 को म्यूचुअल फंड इनवेस्टमेंट ट्रेसिंग एंड रिट्राइवल असिस्टेंट (MITRA) पेश किया है। यह ऐसा प्लेटफॉर्म है, जिसे इनएक्टिव और अनक्लेम्ड म्यूचुअल फंड फोलियो का पता लगाने के लिए बनाया गया है

Abhishek Anejaअपडेटेड Mar 07, 2025 पर 4:22 PM
म्यूचुअल फंड निवेशकों का करीबी फ्रेंड बनेगा 'MITRA', जानिए इसके फायदें
फ्रॉड होने से रोकने के लिए यह प्लेटफॉर्म प्रति यूजर मैक्सिमम 25 सर्च की इजाजत देता है।

कई इनवेस्टर्स कुछ सालों बाद म्यूचुअल फंड्स में अपने निवेश का ट्रैक नहीं रख पाते हैं। यह प्रॉब्लम खासकर ऐसे इनवेस्टर्स के साथ होती है, जिन्होंने केवायसी में अपने बारे में कम जानकारी दी हुई होती है और फिजिकल फॉर्म में निवेश किया होता है। ऐसा इनवेस्टमेंट डॉरमेंट हो जाता है, क्योंकि इनवेस्टर्स उनके बारे में अपने परिवार के सदस्यों को बताना भूल जाते हैं। इस निवेश के साथ फ्रॉड होने की आशंका बढ़ जाती है।

म्यूचुअल फंड की किसी ओपन-एंडेड ग्रोथ स्कीम में निवेश तब तक बना रहता है जब तक इनवेस्टर, नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी संबंधित एएमसी के पास जाकर रिडेम्प्शन, ट्रांसफर या ट्रांसमिशन नहीं कराता है। PAN, ईमेल आईडी या वैलिड एड्रेस नहीं होने से ये फोलियो यूनिटहोल्डर्स के कंसॉलिडेटेड अकाउंट स्टेटमेंट में नहीं दिखते हैं। इनवेस्टर के अपने इनवेस्टमेंट का ट्रैक नहीं रखने या उसकी मौत की वजह से म्यूचुअल फंड फोलियो में एक्टिविटी नहीं होती है। ऐसे इनएक्टिव फोलियो के गलत रिडेम्प्शन की आशंका बढ़ जाती है।

ऐसे इनवेस्टर्स के लिए अच्छी खबर है। सेबी ने 12 फरवरी, 2025 को म्यूचुअल फंड इनवेस्टमेंट ट्रेसिंग एंड रिट्राइवल असिस्टेंट (MITRA) पेश किया है। यह ऐसा प्लेटफॉर्म है, जिसे इनएक्टिव और अनक्लेम्ड म्यूचुअल फंड फोलियो का पता लगाने के लिए बनाया गया है। फ्रॉड होने से रोकने के लिए यह प्लेटफॉर्म प्रति यूजर मैक्सिमम 25 सर्च की इजाजत देता है।

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