New GST real estate impact: 22 सितंबर से नया गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) सिस्टम लागू हो चुका है। इससे किफायती मकानों की उम्मीद बढ़ गई है। हालांकि, रियल एस्टेट मार्केट के जानकारों का कहना है कि होमबायर्स को असली फायदा दिखने में अभी कुछ महीने लग सकते हैं।
रियल एस्टेट में GST का असर
सरकार ने GST स्ट्रक्चर में बदलाव टैक्सेशन को आसान बनाने के लिए किया है। इसका मकसद अलग-अलग सेक्टर में लागत घटाकर आम जनता को राहत देना है। लेकिन रियल एस्टेट अभी भी जटिल क्षेत्र है।
किसी भी हाउसिंग प्रोजेक्ट की लगभग आधी लागत जमीन की होती है, जो GST के दायरे में नहीं आती। बाकी कंस्ट्रक्शन की लागत अलग-अलग टैक्स रेट पर आती है। जैसे कि सीमेंट, स्टील, टाइल्स और अन्य कंस्ट्रक्शन मैटेरियल। इसलिए नए सिस्टम का असर तुरंत समझना आसान नहीं है।
दोबारा वैल्यूएशन कर रहे डेवलपर्स
दिल्ली की एक रियल्टी फर्म के सीनियर एग्जीक्यूटिव का कहना है, 'कंज्यूमर गुड्स की तरह रियल एस्टेट की प्राइसिंग सीधी नहीं है। डेवलपर्स को यह समझने में समय लगेगा कि नए GST स्ट्रक्चर में इनपुट कॉस्ट कहां खड़ी है। इसके बाद ही तय होगा कि खरीदारों तक कितना और कैसे फायदा पहुंचाया जा सकता है।'
डेवलपर्स नए नियमों के तहत प्रोजेक्ट बजट और टैक्स देनदारियों की दोबारा गणना कर रहे हैं। इसमें यह देखना शामिल है कि इनपुट टैक्स क्रेडिट और बदली हुई दरें कुल लागत पर क्या असर डालती हैं।
रियल एस्टेट एक्सपर्ट की राय
एक्सपर्ट का मानना है कि मकानों की कीमत में ठोस कमी लाना डेवलपर्स के ऊपर है। उन्हें GST एडजस्टमेंट को तेजी और कुशलता से लागू करना होगा। साथ ही, यह भी तय करना होगा कि फायदा खुद रखें या खरीदारों तक पहुंचाएं।
CBRE के चेयरमैन और CEO अंशुमन मैगजीन कहते हैं, 'GST सुधार देश में डिमांड बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएंगे, खासकर त्योहारी सीजन से पहले। ऑटोमोबाइल और FMCG जैसे कंज्यूमर सेक्टर में असर तुरंत दिख सकता है। लेकिन, रियल एस्टेट सेक्टर मसला थोड़ा जटिल है।'
उनका कहना है, 'रियल एस्टेट में डेवलपर्स के लिए इनपुट कीमतें घट सकती हैं। लेकिन खरीदारों तक फायदा पहुंचने में थोड़ा समय लगेगा। कुल मिलाकर GST कटौती से खरीदारों में सकारात्मक माहौल बनेगा और रियल एस्टेट पर भी असर होगा, खासकर रिटेल और इंडस्ट्रियल-लॉजिस्टिक्स सेक्टर में।'
त्योहारी सीजन में डेवलपर्स की रणनीति
त्योहारी सीजन की बिक्री को देखते हुए डेवलपर्स लचीले पेमेंट प्लान और लिमिटेड टाइम ऑफर जारी रख सकते हैं। लेकिन GST बदलाव लंबे समय में मकान सस्ते कर पाएगा या नहीं, यह अभी कहना मुश्किल है।
सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड के फाउंडर प्रदीप अग्रवाल के मुताबिक, 'मकानों पर GST रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है। लेकिन सीमेंट पर GST 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है और ग्रेनाइट, मार्बल ब्लॉक जैसे कुछ कंस्ट्रक्शन मैटेरियल्स पर भी कटौती हुई है। अगर यह फायदा डेवलपर्स तक पहुंचे, तो कंस्ट्रक्शन कॉस्ट घटेगी और खरीदारों को राहत मिल सकेगी।'
होमबायर्स को धैर्य रखना होगा
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि फिलहाल होमबायर्स को उम्मीदों पर कंट्रोल रखना चाहिए। रियल एस्टेट सेक्टर में एक्सपर्ट एक टैक्स कंसल्टेंट ने कहा, 'अभी तुरंत कीमतें घटने की उम्मीद करना जल्दबाजी होगी। इस सेक्टर को नए GST सिस्टम में स्थिर होने में कुछ महीने लगेंगे। इसलिए खरीदारों को भी अपनी उम्मीदों को उसी हिसाब से मैनेज करना चाहिए।'
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