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PPF: जरूरत पड़ने पर मैच्योरिटी से पहले भी निकाल सकते हैं पैसे, जानिए इसके नियम क्या हैं

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) लंबी अवधि के निवेश के लिए काफी अच्छी स्कीम है। इसमें निवेश में किसी तरह का रिस्क नहीं है। इसका इंटरेस्ट रेट अट्रैक्टिव है। फाइनेंशियल एडवाइजर्स इस वजह से इसे रिटायरमेंट प्लानिंग में शामिल करने की सलाह देते हैं

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Aug 06, 2025 पर 9:47 AM
PPF: जरूरत पड़ने पर मैच्योरिटी से पहले भी निकाल सकते हैं पैसे, जानिए इसके नियम क्या हैं
टैक्स के लिहाज से भी यह स्कीम अच्छी है। इसमें मैच्योरिटी अमाउंट पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगता है। इंटरेस्ट पर भी टैक्स नहीं लगता है।

कई लोग ऐसी स्कीम में इनवेस्ट करना चाहते हैं, जिसमें जरूरत पड़ने पर मैच्योरिटी से पहले पैसे निकालने की सुविधा हो। इस लिहाज से पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) सही है। यह स्कीम लंबी अवधि के निवेश के लिए काफी अच्छी है। कई फाइनेंशियल एडवाइजर्स रिटायरमेंट प्लानिंग में भी इस स्कीम को शामिल करने की सलाह देते हैं। इसके फीचर्स काफी अट्रैक्टिव हैं। टैक्स के लिहाज से भी यह स्कीम अच्छी है। इसमें मैच्योरिटी अमाउंट पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगता है। इंटरेस्ट पर भी टैक्स नहीं लगता है। टैक्सपेयर अगर इनकम टैक्स की पुरानी रीजीम का इस्तेमाल करता है तो वह सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन भी क्लेम कर सकता है।

15 साल में मैच्योर हो जाता है पीपीएफ

Public Provident Fund (PPF) 15 साल में मैच्योर होता है। सरकार इसके इंटरेस्ट रेट की हर तिमाही समीक्षा करती है। अभी इंटरेस्ट रेट 7.1 फीसदी है। चूंकि इस स्कीम को सरकार का सपोर्ट हासिल है, जिससे इसमें निवेश में किसी तरह का रिस्क नहीं है। इसलिए जो इनवेस्टर्स ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते हैं, वे इस स्कीम में इनवेस्ट कर सकते हैं। एक वित्त वर्ष में इस स्कीम में मैक्सिमम 1.5 लाख रुपये इनवेस्ट कर डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है।

मैच्योरिटी से पहले पैसे निकालने की इजाजत

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