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Pradhan Mantri JI-VAN Yojana में हुआ संशोधन, इंप्लीमेंटेशन की समयसीमा 5 वर्ष तक बढ़ी

Pradhan Mantri JI-VAN Yojana: सरकार पेट्रोल में एथेनॉल के मिश्रण को बढ़ावा दे रही है। इसके तहत सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल मार्केटिंग कंपनियां एथेनॉल के ब्लेंड वाला पेट्रोल बेचती हैं। कंपनियां एथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2025-26 के अंत तक 20% ब्लेंड के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं। पानीपत में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने पहला 2जी एथेनॉल प्रोजेक्ट स्थापित किया है

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Aug 10, 2024 पर 11:58 AM
Pradhan Mantri JI-VAN Yojana में हुआ संशोधन, इंप्लीमेंटेशन की समयसीमा 5 वर्ष तक बढ़ी
मार्च 2019 में प्रधानमंत्री जी-वन योजना नोटिफाई की गई थी।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बायोफ्यूल्स के क्षेत्र में नवीनतम विकास के साथ तालमेल बनाए रखने और अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए संशोधित प्रधानमंत्री जी-वन योजना (Pradhan Mantri JI-VAN Yojana) को मंजूरी दी है। संशोधित योजना के तहत योजना के इंप्लीमेंटेशन की समयसीमा 5 वर्ष यानि 2028-29 तक बढ़ा दी गई है। इसके दायरे में लिग्नोसेल्यूलोसिक फीडस्टॉक यानि कृषि और फॉरेस्ट्री अवशेष, इंडस्ट्रियल वेस्ट, सिंथेसिस (सिन) गैस, शैवाल आदि से बनने वाले एडवांस्ड बायोफ्यूल्स शामिल हैं।

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस प्रोग्राम में 1,969 करोड़ रुपये का और निवेश भी मंजूर किया गया है। "बोल्ट ऑन" प्लांट्स और "ब्राउनफील्ड प्रोजेक्ट" भी अब अपने अनुभव का लाभ उठाने और अपनी वायबिलिटी में सुधार करने के लिए पात्र होंगे।

कई टेक्नोलोजिस और कई फीडस्टॉक्स को बढ़ावा देने के लिए, अब इस क्षेत्र में नई टेक्नोलोजिस और इनोवेशंस वाले प्रोजेक्ट्स से जुड़े प्रस्तावों को प्राथमिकता दी जाएगी। इस स्कीम का उद्देश्य किसानों को उनके कृषि अवशेषों के लिए लाभकारी आय उपलब्ध कराना, पर्यावरण प्रदूषण को दूर करना, स्थानीय रोजगार के अवसर पैदा करना और भारत की ऊर्जा सुरक्षा और आत्मनिर्भरता में योगदान देना है। यह एडवांस्ड बायोफ्यूल टेक्नोलोजिस के विकास को सपोर्ट करती है और मेक इन इंडिया मिशन को भी बढ़ावा देती है। इससे 2070 तक भारत के नेट जीरो GHG उत्सर्जन के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने में भी मदद मिलने की उम्मीद है।

क्या है प्रधानमंत्री जी-वन योजना

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