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सीनियर सिटीजंस और सुपर सीनियर सिटीजंस को इनकम टैक्स में मिलते हैं कई तरह के अतिरिक्त फायदे

इंडिया में इनकम टैक्स सिस्टम में बुजुर्गों का खास ध्यान रखा गया है। उन्हें सीनियर सिटीजंस और सुपर सीनियर सिटीजंस के दो हिस्सों में बांटा गया है। उन्हें कई तरह की छूट और अतिरिक्त डिडक्शन के फायदे दिए गए हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 08, 2023 पर 12:38 PM
सीनियर सिटीजंस और सुपर सीनियर सिटीजंस को इनकम टैक्स में मिलते हैं कई तरह के अतिरिक्त फायदे
फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के लिए सीनियर सिटीजंस और सुपर सीनियर सिटीजंस को मिलने वाले बेनेफिट्स ज्यादातर एक जैसे हैं। सिर्फ बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट के मामले में थोड़ा अंतर है।

इंडिया में इनकम टैक्स सिस्टम (Income Tax System) की कुछ विशेषताएं हैं। इसमें कम कमाई वाले लोगों पर कम टैक्स और ज्यादा कमाई वाले लोगों पर ज्यादा टैक्स लगाया जाता है। साथ ही, उम्र के मामले में भी राहत देने की कोशिश की गई है। सीनियर सिटीजंस और सुपर सीनियर सिटीजंस को कई ऐसी छूट मिलती हैं, जो आम टैक्सपेयर्स को नहीं मिलती हैं। इनकम टैक्स एक्ट में सीनियर सिटीजन ऐसे व्यक्ति को माना गया है जिसकी उम्र 60 साल या इससे ज्यादा है। लेकिन, 80 साल से कम है। 80 साल और उससे ज्यादा उम्र के लोगों को सुपर सीनियर सिटीजंस कहा जाता है। आइए जानते हैं कि इनकम टैक्स एक्ट में सीनियर सिटीजंस और सुपर सीनियर सिटीजंस को किस तरह के बेनेफिट्स मिलते हैं।

बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट में फर्क

फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के लिए सीनियर सिटीजंस और सुपर सीनियर सिटीजंस को मिलने वाले बेनेफिट्स ज्यादातर एक जैसे हैं। सिर्फ बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट के मामले में थोड़ा अंतर है। सीनियर सिटीजंस के लिए बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट 3,00,000 रुपये है। इसका मतलब यह है कि अगर 60 साल या इससे ज्यादा उम्र (80 से कम) के व्यक्ति का सालान इनकम 3 लाख रुपये तक है तो उसे किसी तरह का टैक्स चुकाने की जरूरत नहीं है।

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