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SIP या PPF, हर महीने 10000 रुपये का निवेश 15 साल तक किसमें करने में ज्यादा फायदा?

पिछले 4-5 सालों में म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीम में सिप से निवेश तेजी से बढ़ा है। कई परिवार अपनी सेविंग्स का पैसा बैंकों के एफडी में रखने के बजाय म्यूचुअल फंड में सिप के जरिए निवेश कर रहे हैं। लेकिन, इसमें रिस्क जुड़ा है। उधर, पीपीएफ में निवेश में रिस्क नहीं के बराबर है

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Mar 17, 2025 पर 3:09 PM
SIP या PPF, हर महीने 10000 रुपये का निवेश 15 साल तक किसमें करने में ज्यादा फायदा?
इनवेस्टमेंट का एक बुनियादी सिद्धांत है-ज्यादा रिस्क, ज्यादा रिटर्न। यह सिद्धांत इसके उलट स्थिति पर भी लागू होता है। इसका मतलब है-कम रिस्क, कम रिटर्न।

क्या आप लंबी अवधि के निवेश के बारे में सोच रहे हैं? अगर हां तो आप म्यूचुअल फंड की सिप या पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) में निवेश कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीम में लंबी अवधि तक निवेश करने पर अच्छा रिटर्न मिलता है। म्यूचुअल फंड की स्कीम में निवेश के साथ रिस्क जुड़ा है। उधर, पीपीएफ एक स्मॉल सेविंग्स स्कीम है, जिसे सरकार का सपोर्ट हासिल है। दोनों स्कीमों की अपनी-अपनी खासियत है। आइए जानते हैं हर महीने 10,000 रुपये का निवेश दोनों में किसमें करने में ज्यादा फायदा है।

निवेश का बुनियादी सिद्धांत-ज्यादा रिस्क, ज्यादा रिटर्न

इनवेस्टमेंट का एक बुनियादी सिद्धांत है-ज्यादा रिस्क, ज्यादा रिटर्न। यह सिद्धांत इसके उलट स्थिति पर भी लागू होता है। इसका मतलब है-कम रिस्क, कम रिटर्न। म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीम में सिप से निवेश और पीपीएफ में हर महीने निवेश पर यह सिद्धांत लागू होता है। चूंकि, म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीम अपना पैसा कंपनियों के शेयरों में लगाती है, जिससे इसमें निवेश करने में रिस्क जुड़ा है। लेकिन, यह देखा गया है कि लंबी अवधि में स्टॉक्स में निवेश करने पर रिस्क कम होता है, जबकि रिटर्न काफी ज्यादा होता है। इसलिए अगर आप थोड़ा रिस्क ले सकते हैं तो आप म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीम में SIP से निवेश करने करने के बारे में सोच सकते हैं।

पीपीएफ में निवेश में रिस्क नहीं के बराबर

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