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RBI के रेपो रेट घटाने के बाद 6 बैंकों ने सस्ता किया होम लोन, इतना कम किया Home Loan Interest

Home Loan Interest Rate: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 7 फरवरी 2025 को अपनी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट (0.25%) की कटौती की, जिससे यह घटकर 6.25% हो गई। पिछले 2 सालों में यह दर स्थिर थी। अब इसमें कटौती की गई। इसके बाद से ज्यादातर होम लोन बायर्स ये उम्मीद कर रहे हैं कि बैंक होम लोन की दरों को कम करेंगे

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 12, 2025 पर 8:02 PM
RBI के रेपो रेट घटाने के बाद 6 बैंकों ने सस्ता किया होम लोन, इतना कम किया Home Loan Interest
Home loan EMI : आरबीआई के इस फैसले के बाद केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (PNB), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा समेत कई बैंकों ने भी अपनी रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) में 0.25% की कटौती की है।

Home Loan Interest Rate: RBI के रेपो रेट घटाने के बाद बैंकों ने होम लोन इंटरेस्ट घटाना शुरू कर दिया है। अब देश के 6 बड़ें बैंकों ने होम लो पर इंटरेस्ट घटा दिया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 7 फरवरी 2025 को अपनी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट यानी 0.25% की कटौती की। इससे यह घटकर 6.25% हो गई। पिछले 2 सालों में यह दर स्थिर थी। अब इसमें कटौती की गई। इसके बाद से ज्यादातर होम लोन बायर्स ये उम्मीद कर रहे हैं कि बैंक होम लोन की दरों को कम करेंगे। आरबीआई के इस फैसले के बाद देश के 6 बैंकों ने होम लोन पर इंटरेस्ट घटा दिया है। केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (PNB), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा समेत कई बैंकों ने भी अपनी रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) में 0.25% की कटौती की है।

क्या है Repo Linked Lending Rate (RLLR)?

रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट वह दर होती है, जिस पर बैंक ग्राहकों को लोन देते हैं। यह दर सीधे RBI की रेपो दर से जुड़ी होती है। अक्टूबर 2019 में RBI ने एक सर्कुलर जारी कर बैंकों को अपने रिटेल लोन को बाहरी बेंचमार्क दर (E-BLR) से जोड़ने का निर्देश दिया था। इससे अधिकांश बैंकों के लिए रेपो रेट मुख्य बेंचमार्क बन गया है। जो ग्राहक RLLR से जुड़े होम लोन चुनते हैं, उनकी ब्याज दरें RBI की रेपो रेट में बदलाव के अनुसार घटती या बढ़ती हैं। ज्यादातर ग्राहक फ्लोटिंग रेट होम लोन लेते हैं, जो RLLR से जुड़े होते हैं। अब ग्राहकों के पास या तो अपनी ईएमआई (EMI) घटाने या फिर लोन का पीरियड कम करने का ऑप्शन देता है।

बैंकों ने घटाए लोन पर ब्याज दरें

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