अक्सर लोग यह सवाल पूछते हैं कि जब इंडिया में सक्सेशन लॉज (उत्तराधिकार कानून) है तो फिर वसीयत बनाना क्यों जरूरी है। यह सही है कि इंडिया में उत्तराधिकार कानून है। इसमें बताया गया है कि किसी व्यक्ति का देहांत होने के बाद उसकी संपत्ति का बंटवारा किस तरह होगा। इंडिया में धर्म के हिसाब से कई पर्सनल लॉज हैं। अगर किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उसकी सपंत्ति के बंटवारे का तरीका इस बात पर निर्भर करेगा कि उस व्यक्ति का धर्म क्या था। हिंदू लॉ में पिता की संपत्ति में बेटों और बेटियों का बराबर हक होता है।