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Trump tariff tantrum: ट्रंप के टैरिफ कहर से निपटने के लिए क्या हो रिटेल निवेशकों कि रणनीति?

Trump tariff havoc: हालांकि भारतीय बाजारों को घरेलू मांग में कुछ मजबूती देखने को मिल सकती है,लेकिन वोलैटिलिटी बढ़ने के कारण सावधानी और डाइवर्सिफिकेशन जरूरी है

Edited By: Sudhanshu Dubeyअपडेटेड Apr 04, 2025 पर 10:24 AM
Trump tariff tantrum: ट्रंप के टैरिफ कहर से निपटने के लिए क्या हो रिटेल निवेशकों कि रणनीति?
नई वैश्विक आर्थिक व्यवस्था अभी उभरनी बाकी है। इक्विटी, सोना और फिक्स्ड-इनकम में निवेश करते हुए विविधता बनाए रखें। सारे अंडे एक ही टोकरी में न रखें

Trump tariff tremors: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ ऐलानों के बाद जोखिम से बचने की भावना के कारण दुनिया भर के निवेशक अपने इक्विटी एक्सपोजर को कम कर रहे हैं। ग्लोबल ट्रेड वॉर,अमेरिकी मार्केट और घरेलू ग्रोथ में मंदी की आंशका के चलते निवेशकों के सेंटीमेंट पर खराब असर पड़ा है जिससे दुनिया भर के बाजारों में गिरावट आई है।

वॉल स्ट्रीट और एशियाई शेयर बाजारों में तेज गिरावट देखने को मिली है। पिछले कारोबारी सत्र में हमारे घरेलू बेंचमार्क निफ्टी 50 और सेंसेक्स में भी 0.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। हालांकि, हमारे बाजारों में भी सेंटीमेंट निगेटिव बना हुआ है। इन स्थितियों को ध्यान में रखते हुए यहां बताया गया है कि रिटेल निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो की सुरक्षा के लिए इस मुश्किल समय में कैसे काम करना चाहिए।

घरेलू अर्थव्यवस्था से जुड़े शेयरों पर करें फोकस : घरेलू मांग पर निर्भर कंपनियां,जैसे बैंक, FMCG और इंफ्रास्ट्रक्चर फ़र्म, सुरक्षित दांव हो सकती हैं। हालांकि,निवेशकों को इनके वैल्यूएशन को लेकर सचेत रहने की ज़रूरत है।

यूएस टेक: यूएस की टेक्नोलॉजी कंपनियां बुरी स्थिति हैं। वे ट्रम्प नीति के साथ-साथ यूरोप की बदले कार्रवाई से भी परेशान हैं। इनका वैल्यूएशन भी अच्छा नहीं हैं। संभावित उच्च ब्याज दरें, हाई ग्रोथ वाले शेयरों के लिए खराब संकेत हैं।

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