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PPF Vs FD: लंबे समय तक निवेश के लिए कौन सा ऑप्शन हैं बेहतर? जानिए स्टेप-बॉय-स्टेप प्रोसेस

PPF Vs FD: पीपीएफ और एफडी दोनों सुरक्षित निवेश विकल्प हैं, लेकिन पीपीएफ लंबी अवधि के लिए बेहतर है क्योंकि इसमें टैक्स फ्री रिटर्न मिलता है जबकि एफडी में लचीलापन अधिक होता है और ब्याज टैक्सेबल होता है।

Edited By: Shradha Tulsyanअपडेटेड Nov 04, 2025 पर 10:59 PM
PPF Vs FD: लंबे समय तक निवेश के लिए कौन सा ऑप्शन हैं बेहतर? जानिए स्टेप-बॉय-स्टेप प्रोसेस

जब बात सुरक्षित और सुनिश्चित रिटर्न की आती है तो पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) और फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) दोनों लोकप्रिय निवेश विकल्प होते हैं। लेकिन लंबे निवेश के लिहाज से इनके बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतर होते हैं, जिन्हें समझना जरूरी है।

सबसे बड़ी खासियत पीपीएफ की यह है कि यह सरकार द्वारा समर्थित होती है और इसमें मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री होता है। 15 साल के लॉक-इन पीरियड के बाद आप पूरी रकम निकाल सकते हैं और अवधि बढ़ाने का विकल्प भी होता है। पीपीएफ की सालाना ब्याज दर लगभग 7.1% होती है जो अधिकांश बैंकों के एफडी ब्याज दर से थोड़ी अधिक है। इसमें न्यूनतम निवेश ₹500 और अधिकतम ₹1.5 लाख प्रति वर्ष कर सकते हैं।

वहीं एफडी में आपको लचीली निवेश अवधि मिलती है, जो कुछ दिनों से लेकर कई वर्षों तक हो सकती है। एफडी में निवेश की शुरुआत कुछ हजार रुपये से हो सकती है और कई बार प्रीमैच्योर विदड्रॉल की सुविधा भी मिलती है, हालांकि उस पर दंड शुल्क लगता है। एफडी की ब्याज दर बैंक और अवधि के आधार पर 6% से 7% तक होती है, और यह ब्याज कर योग्य होता है, हालांकि 5 साल की कर बचत वाली एफडी में टैक्स लाभ भी देता है।

अगर आपकी प्राथमिकता फ्लेक्सिबल है और आप कम समय के लिए निवेश करना चाहते हैं तो एफडी बेहतर विकल्प हो सकता है। वहीं, जो लोग लंबी अवधि के लिए पैसा बचाना चाहते हैं और टैक्स बचत के साथ ज्यादा रिटर्न चाहते हैं, उनके लिए पीपीएफ सही रहेगा।

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