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Health Insurance: किन वजहों से रिजेक्ट होता है हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम, क्या है बचने का तरीका?

क्या आपका हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम गलत जानकारी, अधूरे दस्तावेज या पॉलिसी की शर्तों के कारण रिजेक्ट हो सकता है? क्या आपने प्री-एक्सिस्टिंग डिजीज सही से बताई है? समय पर रिन्यूअल और प्री-अप्रूवल लेकर क्या आप क्लेम रिजेक्शन से बच सकते हैं? आइए जानते हैं पूरी डिटेल।

Suneel Kumarअपडेटेड Mar 30, 2025 पर 10:46 PM
Health Insurance: किन वजहों से रिजेक्ट होता है हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम, क्या है बचने का तरीका?
हेल्थ इंश्योरेंस की दुनिया में 'Utmost Good Faith' का सिद्धांत लागू होता है।

Health Insurance Claim Rejection: अक्सर लोग सोचते हैं कि हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने के बाद उनके इलाज का पूरा खर्च बीमा कंपनी उठाएगी। लेकिन जब क्लेम रिजेक्ट हो जाता है, तो परेशानी और गुस्सा दोनों बढ़ जाते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इंश्योरेंस कंपनियां जानबूझकर क्लेम रिजेक्ट करती हैं? नहीं, हर बार ऐसा नहीं होता। असल में, ज्यादातर मामले ऐसे होते हैं जहां थोड़ी-सी सतर्कता से क्लेम रिजेक्शन से बचा जा सकता था। तो चलिए जानते हैं कि किन वजहों से हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम रिजेक्ट होते हैं और आप इससे कैसे बच सकते हैं।

पहले से मौजूद बीमारियों की जानकारी न देना

हेल्थ इंश्योरेंस की दुनिया में 'Utmost Good Faith' का सिद्धांत लागू होता है। इसका मतलब है कि बीमा खरीदते समय पॉलिसीधारक और बीमा कंपनी, दोनों को पूरी ईमानदारी से जानकारी साझा करनी चाहिए। लेकिन कई लोग पहले से मौजूद बीमारियों (Pre-existing Conditions) की जानकारी नहीं देते, जैसे कि डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, या हार्ट से जुड़ी समस्याएँ। ऐसा करने से बीमा कंपनी आपके क्लेम को अस्वीकृत कर सकती है।

इससे बचने का तरीका काफी आसान है। आप पॉलिसी खरीदते समय अपनी पूरी मेडिकल हिस्ट्री बताएं, भले ही वह आपको मामूली लगे। इससे आपका क्लेम सुरक्षित रहेगा।

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