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Explained: ITR फाइल करने की डेडलाइन बढ़ी, क्या अब रिफंड पर मिलेगा ज्यादा ब्याज?

ITR Filing 2025: CBDT ने ITR फाइलिंग की डेडलाइन बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी है। इससे टैक्स रिफंड पर ब्याज बढ़ सकता है, लेकिन यह लाभ कुछ शर्तों पर निर्भर है। जानिए ब्याज कब और कैसे मिलता है, और क्या ब्याज के लिए रिटर्न फाइल में देरी फायदेमंद है?

Suneel Kumarअपडेटेड May 29, 2025 पर 3:35 PM
Explained: ITR फाइल करने की डेडलाइन बढ़ी, क्या अब रिफंड पर मिलेगा ज्यादा ब्याज?
अगर कोई टैक्सपेयर्स अपनी असल देनदारी से अधिक टैक्स देता है, तो उसे रिफंड के साथ ब्याज भी देने का प्रावधान है।

ITR Filing 2025: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने वित्त वर्ष 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की डेडलाइन बढ़ा दी है। अब यह 31 जुलाई के बजाय 15 सितंबर 2025 होगी। इसका मतलब है कि टैक्सपेयर्स को रिटर्न फाइल करने के लिए 46 दिन अतिरिक्त मिलेंगे। वहीं, जिन करदाताओं को इनकम टैक्स रिफंड मिलना है, उन्हें ब्याज के रूप में अतिरिक्त लाभ भी मिल सकता है। हालांकि, यह लाभ कुछ शर्तों पर निर्भर होगा।

ITR फाइल करने की डेडलाइन क्यों बढ़ाई गई?

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (ITR Filing 2025) करने की डेडलाइन बढ़ाने का सबसे अहम कारण ITR फॉर्म्स में किए गए कई बदलाव हैं। इसके चलते टैक्सपेयर्स को नया सिस्टम समझने और सही ढंग से फॉर्म भरने में ज्यादा समय लग रहा है। साथ ही, टीडीएस की पूरी जानकारी भी जून के शुरू में ही आई, जिससे लोगों को रिटर्न तैयार करने का समय कम मिला। टैक्स विभाग नहीं चाहता कि लोग गलती करें या बिना पूरी जानकारी के रिटर्न भरें, इसलिए उन्हें और 46 दिन का वक्त दिया गया है, ताकि वे आराम से और सही तरह से ITR फाइल कर सकें।

टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी सर्विसेज LLP में पार्टनर विवेक जालान का कहना है कि हर साल 31 जुलाई को आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की समयसीमा करदाताओं के लिए बड़ी कठिनाई बन जाती है। हर वर्ष ITR के फॉर्मेट में बदलाव किए जाते हैं, जिससे संबंधित यूटिलिटीज को जारी करने में समय लगता है।

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