एकादशी तिथि को सनातन धर्म में बेहद पवित्र माना गया है। हर महीने दो बार आने वाली एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है, लेकिन श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी, जिसे देवशयनी एकादशी कहा जाता है, इसका धार्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है। यह एक विशेष दिन होता है, जिससे आध्यात्मिक जीवन की नई शुरुआत मानी जाती है। इस दिन से चार महीने तक चलने वाला चातुर्मास प्रारंभ होता है, जो साधना, तपस्या और संयम का समय होता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत, पूजन और नियमों का पालन करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।