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Devuthani Ekadashi 2025: तुलसी विवाह और देवउठनी एकादशी का है गहरा संबंध, जानिए इसकी परंपरा और महत्व

Devuthani Ekadashi 2025: कार्तिक मास में देवउठनी एकादशी मनाई जाती है, जिसका हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। इसके बाद अगले दिन तुलसी विवाह होता है और इसी के साथ शादी, मुंडन जैसे मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। आइए जानें देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह का क्या संबंध है

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 30, 2025 पर 10:28 AM
Devuthani Ekadashi 2025: तुलसी विवाह और देवउठनी एकादशी का है गहरा संबंध, जानिए इसकी परंपरा और महत्व
एकादशी के अगले दिन यानी कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वादशी को तुलसी विवाह होता है।

Devuthani Ekadashi 2025: कार्तिक मास में कई प्रमुख व्रत और त्योहार आते हैं। इसी मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी का पर्व मनाया जाता है। माना जाता है कि सृष्टि के संचालक श्री हरि विष्णु अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी के दिन से चार मास की योग निद्रा में चले जाते हैं। देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक का समय चतुर्मास कहलाता है। भगवान विष्णु चतुर्मास के बाद जागते हैं और सृष्टि के संचालन का कार्यभार फिर से संभालते हैं। इस दिन के बाद से हिंदू धर्म में मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाते हैं। एकादशी के अगले दिन यानी कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वादशी को तुलसी विवाह होता है। यह पर्व अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण होता है। देवउठनी एकादशी के बाद तुलसी विवाह इस दिन से सारे शुभ कार्यों की शुरुआत होने का प्रतिक है। आइए जानते हैं देवउठनी और तुलसी विवाह की परंपरा का क्या संबंध है।

कब होगी देवउठनी एकादशी

पंचांग के अनुसार, कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 1 नवंबर को सुबह 09:11 बजे से शुरू होकर 2 नवंबर को सुबह 07:31 बजे तक रहेगी। 1 नवंबर को पूरे दिन एकादशी तिथि रहेगी इसलिए 1 नवंबर को ही देवउठनी एकादशी मनाई जाएगी।

पूरे दिन के शुभ मुहूर्त 

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04:50 बजे से 05:41 बजे तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 01:55 बजे से 02:39 बजे तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05:36 बजे से 06:02 बजे तक

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