Kaal Bhairav Jayanti 2025: मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को काल भैरव जयंती के रूप में मनाया जाता है। इसे कालाष्टमी या भैरव अष्टमी भी कहते हैं। इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, काल भैरव का शत्रुओं का नाश करने वाला माना जाता है। इनकी पूजा से शत्रु बाधाएं और नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं। कुंडली में राहु-केतु या शनि दोष के निवारण के लिए इस दिन भैरव बाबा की पूजा बहुत लाभकारी मानी जाती है। 'काशी का कोतवाल' के नाम से जाने जाने वाले बाबा काल भैरव की जयंती तंत्र-मंत्र साधना के लिए भी विशेष महत्व रखती है।
