Kaal Bhairav Jayanti 2025: काल भैरव भगवान शिव का उग्र रूप हैं। हर साल मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव जयंति के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को कालाष्टमी या भैरव अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन काशी के कोतवाल कहे जाने वाले काल भैरव की विधि विधान से पूजा करने पर असाध्य बीमारियों, डर, शत्रु और मुकदमों से मुक्ति मिलती है। इस साल ये पूजा आज यानी 12 नवंबर के दिन की जाएगी। इन दिन काल भैरव की पूजा 108 नामों से करने का भी विधान है। आइए जानें इनके बारे में
