Margashirsha Amavasya 2025: मार्गशीर्ष अमावस्या को पितरों के श्राद्ध, तपर्ण और दान के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान करने और उसके तट पर पितरों का श्राद्ध करने से पितृ दोष से छुटकारा मिलता है और जीवन में खुशहाली आती है। अगर गंगा स्नान संभव न हो तो घर में ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अगहन मास की अमावस्या पर व्रत और पूजा करने से पितृ दोष के साथ ही राहू-केतु और शनि दोष से मुक्ति मिलती है। इस अमावस्या को अगहन अमावस्या भी कहते हैं। इसमें भगवान विष्णु के साथ पितरों की भी पूजा की जाती है। इस साल ये अमावस्या तिथि को लेकर लोगों में संशय है, क्योंकि ये तिथि दो दिन पड़ रही है। आइए जानें व्रत और पूजा की सही तिथि, मुहूर्त और विधि
