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Sawan 2025: सावन सोमवार के व्रत से पहले जान लें ये 7 जरूरी नियम, वरना अधूरी रह जाएगी पूजा

Sawan 2025: सावन से जुड़ी पौराणिक मान्यता के अनुसार, देवी पार्वती ने इसी महीने कठोर तप कर भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया था। तभी से माना जाता है कि सावन में शिव की भक्ति और व्रत करने से मनचाहा जीवनसाथी मिलता है और भक्तों की सभी कामनाएं भगवान शिव अवश्य पूरी करते हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 07, 2025 पर 10:53 AM
Sawan 2025: सावन सोमवार के व्रत से पहले जान लें ये 7 जरूरी नियम, वरना अधूरी रह जाएगी पूजा
Sawan 2025: इस वर्ष सावन की शुरुआत 11 जुलाई 2025 से होगी और इसका समापन 9 अगस्त 2025 को होगा।

सावन का महीना हर साल भक्ति, हरियाली और आत्मिक ऊर्जा का अनोखा संगम लेकर आता है। ये सिर्फ एक मौसम नहीं, बल्कि वो दौर होता है जब आसमान से गिरती बूंदें हमें शिव की कृपा की याद दिलाती हैं। हिंदू मान्यताओं में इसे महादेव का सबसे प्रिय मास माना गया है, जब शिवभक्त उपवास, जप और पूजा के जरिए भोलेनाथ को प्रसन्न करते हैं। ये महीना आस्था से जुड़ा होने के साथ-साथ सकारात्मकता, शांति और नई शुरुआत का प्रतीक भी बन चुका है। चाहे घर हो या मंदिर, चारों ओर "हर हर महादेव" की गूंज सुनाई देने लगती है।

व्रत, ध्यान और नियमों से भरा ये समय, हर भक्त को खुद से जुड़ने और ईश्वर की भक्ति में लीन होने का अवसर देता है। सावन केवल त्योहार नहीं, बल्कि एक भाव है भक्ति और श्रद्धा का।

सावन में पूजा का महत्व और पौराणिक मान्यता

पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी पार्वती ने इसी महीने महादेव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर शिव ने उन्हें पत्नी रूप में स्वीकार किया। तभी से ये माना गया कि सावन में शिव पूजन से इच्छित जीवनसाथी की प्राप्ति होती है। विशेषकर सावन सोमवार का व्रत अत्यंत फलदायी होता है।

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